मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर सूरत हाई कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाी थी. जिसपर राहुल गांधी को तरफ से अपील दायर की गई थी . फिलहाल राहुल गांधी के अपील पर न्यायलय में सुनवाई जारी है. सुनवाई के दौरान सीनीयर एडवोकेट आरएस चीमा ने राहुल गांधी की बात को कोर्ट के सामने रखा.
वकील ने क्या कहा-
राहुल गांधी के वकील आरएस चीमा ने तर्क दिया कि विपक्ष का काम सरकार का विरोध करना है. सरकार की नाकामी पर सवाल उठाना विपक्ष की जिम्मेदारी है. राहुल को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है. उन्होंने गुजरात के बीजेपी सांसद नारन भाई कछड़िया के मामले का हवाला देते हुए कहा कि उनपर तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
वकील चीमा ने आगे कहा कि चीमा ने कहा कि ‘आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 389 में अपील लंबित होने पर सजा के निलंबन का प्रावधान है. उन्होंने कहा सत्ता एक अपवाद है लेकिन कोर्ट को सजा के परिणामों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोर्ट को इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या दोषी को अपूरणीय क्षति होगी. ऐसी सजा मिलना अन्याय है.’
मैं झुग्गी में जाकर जनता के साथ रहूंगी और खुद टॉयलेट का सफाई करवाउंगी- स्वाति मालीवाल
आपको बता दें कि पिछले महीने राहुल गांधी को 2019ल में दिए गए एक भाषण के लिए सूरत के एक कोर्ट ने 2 साल की सुनाई थी जिसके बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई थी.