Amritpal Singh Punjab: अमृतपाल सिंह जो इन दिनों सुर्खियों में हैं, आज उन्होंने फिर से दोहराया है कि खालिस्तान रहेगा और कोई इसे दबा नहीं सकता है। अमृतपाल सिंह ने कहा है कि जब देश में “हिंदू राष्ट्र” पर डिबेट हो सकता तो खालिस्तान पर क्यों नहीं। सिंह ने अपने बयानों से यह साफ कर दिया है कि पंजाब में खालिस्तान था, है और आगे भी इस विचार को जिंदा रखने का प्रयास जारी रहेगा। दरअसल, कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह के सामने पंजाब पुलिस ने घुटने टेक दिए हैं, जब उनके समर्थक तूफान सिंह की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए पुलिस के साथ भिड़ गए और घमकी देते हुए पुलिसबलों के साथ हाथापाई की। बीते गुरुवार को अमृतपाल सिंह के समर्थकों के मांग के बाद पुलिस ने अमृतपाल सिंह द्वारा प्रस्तुत सबूतों के आधार पर अगले दिन शुक्रवार को तूफान सिंह को रिहा कर दिया गया।
बता दें इससे पहले खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने प्रदर्शन के दौरान गृहमंत्री अमित शाह को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा अंजाम भुगतने की धमकी दी। उन्होंने अपने बयान मे कहा है कि शाह का हाल भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा होगा। हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान पर सफाई भी दी है। ज्ञात हो कि शाह ने कुछ दिन पहले कहा था कि पंजाब में खालिस्तान समर्थकों पर हमारी कड़ी नजर है। अमृतपाल की धमकी के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मार्च में अमृतसर से ‘नशा मुक्ति यात्रा’ की शुरुआत करेंगे। यह जानकारी पंजाब भाजपा प्रभारी विजय रूपाणी ने अमृतसर में दी। रूपाणी ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि मार्च में केंद्रीय गृह मंत्री पंजाब आ रहे हैं। युवाओं को नशे से बचाने और उन्हें जागरुक करने के लिए यह यात्रा राज्य के 117 विधानसभा क्षेत्रों में पड़ने वाले शहरों व गांवों से होकर गुजरेगी।
मीडिया से बातचीत में सिंह ने कहा है कि ‘वारिस दे पंजाब’ संगठन कोई पुनरुद्धार नहीं बल्कि अस्तित्व है। खालिस्तान एक टैबू नहीं है, लेकिन यह पीड़ा को समाप्त करने के लिए किया जा रहा है। मैं इसे जिंदा रखने के लिए लड़ता रहूंगा। पंजाबी अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू के बारे में शायद आपको याद हो, जिसे दिल्ली पुलिस ने लालकिला हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था। सिद्दू ने ही सितंबर 2021 में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की स्थापना की थी।
सिद्दू के मुताबिक इसका मकसद युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को ‘जगाना’ था, इतना ही नहीं उन्होंने “आजाद” पंजाब की भी विचार को हवा दिया। जिसके बाद इसके मकसद को लेकर विवाद भी सामने आया है। हालांकि संगठन स्थापना के कुछ महीने बाद 15 फरवरी 2022 को दीप सिद्दू की एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। दीप सिद्धू की मौत के बाद संगठन के प्रमुख का पद खाली था। सिद्दू की मौत के बाद सितंबर 2022 में अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख बनाया गया।
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