India News (इंडिया न्यूज): केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली में विधायी प्रारूपण पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया. विधायी प्रारुप प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य संसद, राज्य विधानसभाओं, मंत्रालयों, वैधानिक निकायों व सरकारी विभागों के अधिकारियों के बीच विधायी प्रारूपण के सिद्धांतों और प्रथाओं की समझ पैदा करना है. आपको बता दें कि यह कार्यक्रम लोकतंत्र के लिए संसदीय अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से किया जा रहा है.
‘संविधान की आत्मा को समझना जरूरी’
इस कार्यक्रम के उद्घाटन पर अमित शाह ने कहा, ”विधायी प्रारूपण विज्ञान और कला नहीं है बल्कि कौशल है जिसको आत्मा के साथ जोड़कर लागू करना है। इसके कोई स्थायी नियम नहीं होते हैं, आपको वो नियम पढ़ाए जाएंगे लेकिन उन सभी नियम से ऊपर संविधान की आत्मा को समझकर उसको जमीन पर उतारना आपका काम है.”
विधायी प्रारूपण विज्ञान और कला नहीं है बल्कि कौशल है जिसको आत्मा के साथ जोड़कर लागू करना है। इसके कोई स्थायी नियम नहीं होते हैं, आपको वो नियम पढ़ाए जाएंगे लेकिन उन सभी नियम से ऊपर संविधान की आत्मा को समझकर उसको जमीन पर उतारना आपका काम है: विधायी प्रारूपण पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम… pic.twitter.com/cUP8eOkVfV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 15, 2023
अमित शाह ने आगे आगे लोकतंत्र का उद्देश्य और इस कार्यक्रम के बारे ममें बताते हुए कहा, ”बहुत समय पहले ये प्रशिक्षण चलता था लेकिन किसी कारण ये बंद हो गया था। विधायी प्रारूपण हमारे लाकतंत्र का इतना महत्वपूर्ण अंग है कि इसके बारे में दुर्लक्ष्य न केवल कानूनों को निर्बल करता है बल्कि पूरे लोकतांत्रिक व्यवस्था को निर्बल करता है:”
बहुत समय पहले ये प्रशिक्षण चलता था लेकिन किसी कारण ये बंद हो गया था। विधायी प्रारूपण हमारे लाकतंत्र का इतना महत्वपूर्ण अंग है कि इसके बारे में दुर्लक्ष्य न केवल कानूनों को निर्बल करता है बल्कि पूरे लोकतांत्रिक व्यवस्था को निर्बल करता है: विधायी प्रारूपण पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम… pic.twitter.com/RCoKFxf5j1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 15, 2023
यूपी निकाय चुनाव पर ‘आप’ नेता संजय सिंह का बयान. ‘हमने समय समय पर बीजेपी को हराया है’