Rahul Gandhi press conference:सांसद राहुल गांधी के लंदन में दिये गए बयान पर जारी सियासी घमासान के बाद पहली बार राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। आज प्रेस कांफ्रेंस कर राहुल गांधी ने कहा है कि सुबह मैं संसद गया और अध्यक्ष (लोकसभा) से बात की कि मैं बोलना चाहता हूं। सरकार के चार मंत्रियों ने मुझ पर आरोप लगाए थे इसलिए मुझे सदन में अपनी बात रखने का अधिकार है। मुझे उम्मीद है कि मुझे कल संसद में बोलने दिया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने कहा है कि सरकार और पीएम अडानी मामले से डरे हुए हैं इसलिए उन्होंने यह ‘तमाशा’ तैयार किया है। मुझे लगता है कि मुझे संसद में बोलने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा,” मुख्य सवाल यह है कि मोदीजी और अडानीजी के बीच क्या संबंध है।” सांसद ने आगे कहा कि, जैसा कि संसद में आरोप लगाए गए हैं, बोलने का अवसर मिलना मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है। अगर भारतीय लोकतंत्र काम कर रहा होता तो मैं संसद में बोल पाता। तो, वास्तव में आप जो देख रहे हैं वह भारतीय लोकतंत्र की परीक्षा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, पीयूष गोयल, व अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी के लंदन में दिये गये संबोधन को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा है उन्होंने विदेश में जाकर देश का अपमान किया है। इसके बाद बीजेपी नेताओं ने सदन में उनसे माफी मांगने की मांग की है। हालांकि इस मामले पर बीते दिन बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जन खड़गे ने साफ शब्दों में कहा है कि “माफी का सवाल नहीं है”। उन्होंने कहा है कि उल्टा पीएम ने विदेशों मे देश का यह कहकर अपमान किया कि “भारत में पैदा होना पाप है”।
हाल ही में, राहुल गांधी ने लंदन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान को संबोधित किया था, जहां उन्होंने उल्लेख किया था कि भारतीय लोकतंत्र दबाव में है और विपक्ष की आवाजें दबाई जा रही हैं। राहुल गांधी ने कहा, “हर कोई जानता है और यह बहुत खबरों में है कि भारतीय लोकतंत्र दबाव में है और हमले में है। मैं भारत में विपक्ष का नेता हूं, हम उस (विपक्षी) स्थान को नेविगेट कर रहे हैं। संस्थागत ढांचा जो लोकतंत्र के लिए आवश्यक है, उसपर सरकार का दवाब है। क्या संसद, स्वतंत्र प्रेस और न्यायपालिका, सिर्फ लामबंदी पर विवश हो गई है। इसलिए, हम भारतीय लोकतंत्र के मूल ढांचे पर हमले का सामना कर रहे हैं।”