Sunday, July 7, 2024
HomeनेशनलJNU की पूर्व छात्रा Shehla Rashid को भा रहा नया कश्मीर ;...

India News (इंडिया न्यूज़) : 5 अगस्त 2019 को जब अनुच्छेद-370 निरस्त करने का बिल आया था। तब महबूबा मुफ़्ती से लेकर फारूक अब्दुल्ला परिवार ने इसका विरोध जताया था। महबूबा ने यहां तक कह दिया था की अगर घाटी से 370 हटा तो कश्मीर में कोई तिरंगा थमने वाला कोई नहीं बचेगा। जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाया गया था तो जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला रशीद ने भी इसके खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया था। तब शहला रशीद ने सेना पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि सेना लोगों के घरों में घुस रही है, लोगों को उठा रही है, मारपीट कर रही है।

Shehla Rashid को भाया नया कश्मीर

बता दें, तमाम विरोध के बाद भी अर्टिकल 370 हटा, और तिरंगा भी फहरा रहा है। इसी बीच बदलाव की बयार बही तो केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ उन गलियारों से हो रही है जहां से तारीफ की उम्मीद किसी को नहीं थी। बता दें, अनुच्छेद 370 के निरस्त हुए 4 हो चुके हैं। इन चार सालों में कश्मीर की स्थिति के साथ-साथ शहला रशीद के विचारों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। शहला ने 15 अगस्त को एक ट्वीट कर कहा है कि कश्मीर में मानवाधिकार रिकॉर्ड लगातार सुधर रहे हैं। मौजूदा सरकार ने एक ही कोशिश में कश्मीरियों की पहचान के संकट को खत्म कर दिया है। इसके आगे शहला ने ऊर्जा और प्रदूषण जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की तारीफ में कसीदे पढ़े है। उन्होंने कहा कि अब कश्मीर की नई पीढ़ी को संघर्ष के माहौल में बड़ा नहीं होना पड़ेगा।

पीएम के शान में पढ़े कसीदे

बता दें, स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व यानी 14 अगस्त को भी JNU की पूर्व छात्रा ने कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर केंद्र सरकारी की खूब तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि इस सरकार ने एक ही फैसले में कश्मीरियों के लिए पहचान का संकट खत्म कर दिया। शहला ने एक्स पर लिखा,”वर्तमान सरकार एक झटके में कश्मीरियों के लिए दशकों से चले आ रहे पहचान के संकट को खत्म करने में कामयाब रही है। क्या यह आर्टिकल 370 को खत्म करने का सकारात्मक नतीजा है? शायद अगली पीढ़ी संघर्ष भरे पहचान के साथ बड़ी नहीं होगी। शायद अब और खून-खराबा नहीं होगा।”

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