Joshimath Sinking: जोशीमठ में हो रहा भू-धंसाव ने लोगो के लिए परेशानियां खड़ी कर दी है। इससे क्षेत्र के चारों ओर तबाही मची हुई है। इस बीच इसमें एक और अपडेट सामने आ रहा है, सूत्रों से ये जानकारी मिली है कि जोशीमठ में आज से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। इसके तहत क्षतिग्रस्त इमारतों को ढहाया जाएगा।
आपको बता दें कि बीते दिन (10 जनवरी) को जोशीमठ में क्षतिग्रस्त इमारतें और होटल को ढहाने का काम शुरू होना था, लेकिन होटल मालिकों ने इस पर विरोध किया जिसके चलते शासन के आदेश के बावजूद भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई।
शासन के आदेश पर होटल मालिकों का कहना है कि होटल का आर्थिक मूल्यांकन नहीं हुआ है। साथ ही नोटिस भी नहीं दिया गया। कड़ा विरोध को देखते हुए मंगलवार को प्रशासन को पीछे हटना पड़ गया था।
हालांकि कार्रवाई रुकने को लेकर अधिकारियों ने कुछ और ही कहा है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने इसे लेकर बताया कि “ऊंचे भवनों को तोड़ने के लिए क्रेन की आवश्यकता होती है, जो कि वहां पर नहीं मिल पाई। इसलिए देहरादून से क्रेन भेजी गई है।” जो कि वहां पर आज बुधवार को पहुंच जाएगी।
इसके साथ ही सचिव मुख्यमंत्री मिनाक्षी सुंदरम ने इसे लेकर कहा कि मौके पर सीबीआरआई की काफी टीम देरी से पहुंची थी। जिसके कारण पहले दिन जोशीमठ में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। वहीं मंगलवार को मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने अधिकारियों की मीटिंग को लेकर पुन: खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके भवनों को प्राथमिकता के आधार पर ढहाने के निर्देश दे दिए हैं। संधू ने कहा है कि जोशीमठ में एक भी भवन ऐसा नहीं रहना चाहिए, जिसमें रहने से कोई भी जानमाल का नुकसान हो सकता है।
जानकारी दे दें कि गृह मंत्रालय की टीम सचिव सीमा प्रबंधन की अध्यक्षता में मंगलवार को जोशीमठ पहुंंच गई थी। इसके साथ ही स्थिति का आकलन किया। इसके अलावा जोशीमठ में केंद्रीय एजेंसियां सीबीआरआई, एनजीआरआई, एनआईडीएम औरएनआईएच की टीम पहले से ही अपना डेरा जमाए हुए हैं।
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