India News(इंडिया न्यूज), supreme court new judge: न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में लिया शुक्रवार को शपथ लिया है। दोनों जजों को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ ने शपथ दिलाई।
जस्टिस मिश्रा और जस्टिस विश्वनाथन की नियुक्ति की आधिकारिक पुष्टि बीते गुरुवार को ही कर दिया गया था। उनकी नियुक्तियों की घोषणा नए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ट्विटर पर की। इसके बाद नियुक्ति का वारंट गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यालय से जारी किया गया था।
सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में 25 मई, 2031 तक पद संभालेंगे। इस दौरान न्यायमूर्ति विश्वनाथन, 11 अगस्त, 2030 को न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला के सेवानिवृत होने के पश्चात मुख्य न्यायाधीश बनाए डा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ लेने वाले जस्टिस के. वी. विश्वनाथन का जन्म 1966 में तमिलनाडु में हुआ था। वह 57 साल के विश्वनाथन ने अपनी स्कूली शिक्षा पोलाची(कोयंबटूर, तामिलनाडु) आरोग्यमाता मैट्रिकुलेशन स्कूल में की। फिर अमरावती सैनिक स्कूल, और फिर उथगई सुसैयप्पार हाई स्कूल में पढ़े। कोयंबटूर लॉ कॉलेज में पांच साल का इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स किया। वह 1988 में पहली बार वकालत करने के लिए दिल्ली आए।
जस्टिस विश्वनाथन ने दो दशकों से अधिक समय तक सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की। जिसके बाद, उन्हें 2009 में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था। विश्वनाथन, पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून, वाणिज्यिक कानून, दिवाला कानून और मध्यस्थता सहित विभिन्न विषयों पर मुखर होकर लड़े हैं। विश्वनाथन बार काउंसिल से सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले वकीलों की सूची में विश्वनाथन दसवां नाम बन गया है। वह जस्टिस एसएम सीकरी, यूयू ललित और पीएस नरसिम्हा के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले चौथे व्यक्ति होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के दूसरे नए न्यायधीश प्रशांत कुमार मिश्रा इससे पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। उन्हें 13 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। जस्टिस मिश्रा पूर्व में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में जिम्मेदारी को संभाल चुके हैं। जस्टिस मिश्रा ने 13 वर्षों से अधिक समय तक हाईकोर्ट के जज के रूप में कार्य किया है।