Kapil Sibal Statement:
नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से कोई ‘उम्मीद’ नजर नहीं आती। इसके साथ ही सिब्बल ने गुजरात दंगों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट से लेकर प्रवर्तन निदेशालय के शक्तियों तक का जिक्र किया। उन्होंने यह टिप्पणी 6 अगस्त 2022 को पीपुल्स ट्रिब्यूनल में अपने संबोधन के दौरान की।
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि ‘इस साल मैं सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस के 50 साल पूरे कर लूंगा और 50 सालों के बाद मुझे लगता है कि संस्थान से मुझे कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि भले ही एक ऐतिहासिक फैसला पारित हो जाए, लेकिन इससे शायद ही कभी जमीनी हकीकत बदलती हो। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता तभी संभव है जब हम अपने अधिकारों के लिए खड़े हों और उस स्वतंत्रता की मांग करें।
कपिल सिब्बल ने कहा कि, आप सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए प्रगतिशील फैसलों के बारे में बात करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर जो होता है उसमें बहुत फर्क है। सुप्रीम कोर्ट निजता पर फैसला देता और ईडी के अधिकारी आपके घर आते हैं… आपकी निजता कहां है?’ कपिल सिब्बल ने दावा किया कि ‘संवेदनशील मामलों’ को केवल चुनिंदा न्यायाधीशों के पास ही भेजा जाता है और आमतौर पर कानूनी बिरादरी को पहले ही फैसलों के बारे में जानकारी होती है।
इसके साथ ही सिब्बल ने 2002 गुजरात दंगों के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) द्वारा तत्कालीन सीएम मोदी को क्लीन चिट देने के फैसले के खिलाफ पूर्व कांग्रेस विधायक एहसान जाफरी की विधवा जाकिया ने याचिका दायर और साल 2009 में छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा 17 आदिवासियों की हत्याओं की कथित घटनाओं की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाले याचिका को ख़ारिज करने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट की आलोजना की थी.
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