India News (इंडिया न्यूज) : G-20, जो ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (Group of Twenty) के रूप में जाना जाता है, एक अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संगठन है जिसमें विश्व के 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के प्रतिनिधित्व में जुटे रहते हैं। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सहयोग, वित्तीय स्थिरता, और विश्व अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर चर्चा करना है। G-20 द्वारा बैठकें आयोजित की जाती हैं, जिनमें दुनिया के प्रमुख आर्थिक देशों के नेताओं का मिलना-जुलना होता है और उन्होंने विभिन्न आर्थिक मुद्दों पर विचारविमर्श करते हैं। G-20 दुनिया की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कार्य करता है और आर्थिक पॉलिसी में साथ मिलाने के लिए महत्वपूर्ण है।
बता दें , G-20 की स्थापना 1999 में की गई थी, लेकिन यह संगठन प्रमुखतः 2008 की वित्तीय संकट के बाद से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ग्लोबल आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने और समाधान ढूंढने के लिए G-20 के सदस्य देश एक साथ काम करते हैं, जिसमें आर्थिक विकास, व्यापार, वित्तीय स्थिरता, और वित्तीय निरपेक्षता के मुद्दे शामिल होते हैं। G-20 के सदस्य देश विश्व के सबसे बड़े और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को प्रतिनिधित्वित करते हैं, जैसे कि भारत, चीन, अमेरिका, जर्मनी, जापान, और फ्रांस आदि। इन देशों के नेताओं का एक ही मंच पर मिलकर चर्चा करने का यह मौका प्रदान करता है कि कैसे विश्व अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सकता है और विश्व में आर्थिक सहयोग को बढ़ावा दिया जा सकता है।
बता दें, G-20 की शुरुआत 1999 में हुई थी। यह संगठन उस समय के वित्तीय संकट के परिणामस्वरूप बना था, जब विभिन्न आर्थिक संकटों का समाधान ढूंढने के लिए विश्व के 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं ने एक साथ मिलकर बैठकें आयोजित की। G-20 की शुरुआत से लेकर आज तक, यह संगठन विश्व अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने और समाधान ढूंढने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसका असली महत्व 2008 की वित्तीय महाकंप में आया जब इसने विश्व अर्थव्यवस्था को सुधारने और संकट के निर्धारण में मदद की। इसके बाद से G-20 ने आर्थिक मुद्दों के समाधान के लिए सजग रहकर विश्व अर्थव्यवस्था को स्थायी बनाने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अधिकारिक रूप से गठित बैठकों के माध्यम से, G-20 सदस्य देश अर्थव्यवस्था, वित्तीय स्थिरता, और आर्थिक सहयोग के मामलों पर विचारविमर्श करते हैं और साथियों के साथ सहयोग का आदान-प्रदान करते हैं।
G-20 ने अधिकारिक रूप से कई बड़े आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर समझौते किए हैं, जिनमें वित्तीय प्रतिरोध के लिए विभिन्न कदम, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने का प्रयास, विश्व व्यापार में बाधाओं को कम करने का प्रयास, और आर्थिक समाधान के लिए सहयोग की प्रक्रिया शामिल है। इसके अलावा, G-20 अन्य विशेष विषयों पर भी चर्चा करता है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, जेंडर इक्विटी, और डिजिटल आर्थिक मुद्दे। इसका उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था को सुधारने और सशक्त बनाने के लिए सहयोग करना है, ताकि सभी लोगों को सामृद्धि का लाभ मिल सके।
G-20 की शुरुआत कोरियाई गणराज्य (South Korea) ने की थी। यह संगठन 1999 में कोरियाई गणराज्य के पहले उपाध्यक्ष और उस समय के वित्तमंत्री हंसील पार्क (Han Seung-soo) के नेतृत्व में शुरू हुआ था। G-20 की शुरुआत उस समय के वित्तीय संकट के संवाद और आर्थिक सहयोग की आवश्यकता के परिणामस्वरूप हुई थी, और इसका उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद करना था।
G-20 की बैठकों में विभिन्न देश ने आयोजन किए हैं, जिनमें से कुछ मुख्य देश हैं जो ने बैठकों को आयोजित किया है। कुछ प्रमुख आयोजक देशों में शामिल हैं:
कोरियाई गणराज्य (South Korea) – G-20 की शुरुआत कोरियाई गणराज्य द्वारा की गई थी।
अमेरिका (United States) – अमेरिका ने भी G-20 की बैठकों को कई बार आयोजित किया है, और इसके आयोजन में विशेष महत्व रखा गया है।
आर्जेंटीना (Argentina) – आर्जेंटीना ने भी G-20 की एक बैठक का आयोजन किया था।
जर्मनी (Germany) – जर्मनी ने भी G-20 की एक बैठक का आयोजन किया था और अपने अधिवेशन के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की थी।
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