आजकल महंगाई के दौर में आप भी लोन लेना चाहते ही होंगे. लोन लेकर आप अपने जरूरतों को पूरा करना चाहते होंगे या किसी कारण से आप लोन लेना चाहते होंगे. ऐसे में लोन लेने से पहले कुछ कैलकुलेशन कर लेना आवश्यक है. आप अपनी आमदनी का कितना हिस्सा लंबे समय तक हर महीने EMI के तौर पर चुका कर सकते हैं. इस बात पर ध्यान दें कि आपके लोन की EMI इतनी अधिक नहीं होनी चाहिए कि आपको अपनी दूसरी आर्थिक जरूरतें पूरी करने में दिक्कत होने लगे.
जान लें कि आपकी आमदनी के अनुसार आपको कितना लोन लेना चाहिए. इसका अनुमान लगाने के लिए सबसे पहले अपने खर्चों का लेखा-जोखा तैयार करें. इसमें मकान किराया, राशन, बिजली-मोबाइल-रसोई गैस जैसे यूटिलिटी बिल, बच्चों की स्कूल फीस, मेडिकल ट्रीटमेंट समेत तमाम खर्चों को मिलाकर अपना मंथली बजट (Monthly Budget) तैयार कर लें. अब अगर इन तमाम खर्चों की लिस्ट आपके सामने होगी तो आपके लिए यह अनुमान लगाना आसान हो जाएगा कि आप लोन की कितनी EMI बिना परेशानी के भर सकते हैं.
यह बात हमेशा याद रखें कि लोन हमेशा उतना ही लें, जितना आसानी से चुकाया जा सके. एक और बात, क्रेडिट कार्ड से बड़ी रकम खर्च करके EMI के जरिए भुगतान करने से हमेशा बचें, क्योंकि क्रेडिट कार्ड की ऊंची ब्याज दरों (Credit Card Interest Rate) के कारण ऐसा करना अक्सर घाटे का सौदा साबित होता है.
आप डेट-टू-इनकम रेशियो कैलकुलेट करके भी इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि आपकी आमदनी का कितना हिस्सा EMI में जाना चाहिए. से पता चलता है आय का कितने प्रतिशत हिस्सा लोन की अदायगी पर खर्च होता है. कैलकुलेट करने के लिए, आपको सभी को जोड़ने के बाद यह देखना होगा कि यह रकम आपकी कुल मासिक आमदनी के कितने प्रतिशत के बराबर है. एक सामान्य नियम यह है कि आपका डेट-टू-इनकम रेशियो 35-40% से ज्यादा नहीं होना चाहिए.