इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) राकेश त्रिपाठी की अदालत ने बृहस्पतिवार को निठारी कांड के अंतिम मामले में निर्णय सुनाते हुए सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है। जबकि मामले में कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंधेर को सात साल की सजा सुनाई गई है। बता दें निठारी कांड में दर्ज सभी 16 मामलों में अदालत अपना निर्णय सुना चुकी है। सीबीआई के लोक अभियोजक दर्शन लाल ने बताया है कि “अदालत ने कोली को हत्या, दुष्कर्म, साजिश रचने व साक्ष्य मिटाने व पंधेर को अनैतिक देह व्यापार करने का दोषी करार दिया है। कोली पर 62 हजार और पंधेर पर 4 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
सीबीआई के लोक अभियोजक दर्शन लाल ने बताया कि “मामले में सीबीआई की ओर से कुल 83 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। पुख्ता साक्ष्यों व गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने सुरेंद्र कोली को हत्या, दुष्कर्म, साजिश रचने व साक्ष्य मिटाने व मोनिदर सिंह पंधेर को अनैतिक देह व्यापार का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई।” वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर त्यागी व नवीन त्यागी ने बताया है कि “अदालत ने इस मामले की तीसरी आरोपी यूपी पुलिस की महिला सब-इंस्पेक्टर सिमरजीत कौर को भ्रष्टाचार व साक्ष्य मिटाने के आरोप से साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।”
बता दें कि 29 दिसंबर, 2006 को नोएडा के निठारी में मोनिदर सिंह पंधेर की कोठी के पीछे नाले से पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे, जिसके बाद पुलिस ने मोनिदर सिंह पंधेर और सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। बाद में मामला सीबीआई के पास चला गया। वर्ष 2007 में सीबीआई ने आरोप पत्र पेश किया था।
निठारी कांड में कुल 16 मामले दर्ज हुए थे। बृहस्पतिवार को सीबीआई की विशेष अदालत में निठारी कांड के अंतिम मामले में अपना फैसला सुनाया। अब तक सुरेंद्र कोली को 13 मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई, जबकि तीन मामलों में वह बरी हो चुका है। मोनिदर सिंह पंधेर को सीबीआई की विशेष अदालत तीन मामलों में फांसी की सजा दे चुकी है।
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