पंजाब के कदावर नेता एवं पांच बार के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बाद ल का निधन हो गया है. 27 अप्रैल को प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार किया जाएगा. इससे पहले उनका पर्थिव शरीर चंडीगढ में स्थित शिरोमणी आकाली दल के कार्यालय में रखा हुआ है, जहां आम लोग दर्शन कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अंतिम यात्रा राजपुरा, पटियाला, संगरूर, बरनाला, रामपुरा फूल, बठिंडा से होते हुए उनके गांव बादल पहुंचेगी. जहां उनके पार्तिव शरीर को अतिम रूप दिया जाएगा.
श्रध्दाजंलि देने पहुचेंगे पीएम-
प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर चंडिगढ स्थित कार्यलय में रखा हुआ है, जहां खुद पीएम मोदी पहुंचेंगे और उन्हें श्रध्दाजलि देंगे. प्रकाश सिंह बादल हिंदुओं और सिखों के बीच एकता कायम करने के लिए जाने जाते हैं. आपरको बता दें कि प्रकाश सिंह बादल पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे. 25 अप्रैल को उन्होंने अंतिन सांस ली.
कैसे होती है, अंतिम संस्कार-
सिख धर्म और हिंदु धर्म की अंतिम संस्कार की प्रक्रिया लगभग समान ही है. हालांकि सिख धर्म में महिलाएं भी श्मशान घाट जा सकती हैं. हिंदू धर्म की ही तरह सिखों में भी शव को अग्नि दी जाती है और सबसे करीबी शख्स ही मुखाग्नि देता है. शव को पहले नहलाया जाता है, इसके बाद सिख धर्म के 5 चिन्ह कृपाण, कंघा, कटार, कड़ा और केश को संवारा जाता है. परिजन शव को अर्थी पर श्मशान घाट तक ले जाते हैं. वाहेगुरु का नाम लेकर अर्थी को श्मशान तक लाया जाता है और दाह संस्कार हो जाने के बाद शाम में भजन और अरदास किया जाता है.
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जो लोग श्मशान से वापस आते हैं वो नहाते हैं और फिर सिखों के प्रमुख ग्रन्थ गुरु ग्रन्थ साहिब का पाठ किया जाता है. सिखों में 10 दिनों तक यह पाठ किया जाता है. इसके बाद जो लोग इस पाठ में शामिल होते हैं उन्हें कड़हा प्रसाद दिया जाता है. फिर भजन कीर्तन किया जाता और मरने वाले व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए अरदास की जाती है.