समाजवादी पार्टी को उच्च सदन से तगड़ा झटका मिला है। विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने गुरूवार को समाजवादी नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव की मान्यता को समाप्त कर दिया है। जिसके बाद अब वह केवल सपा दल के नेता के तौर पर ही सदन में मौजूद होंगे।
दरअसल बुधवार को सदन में 10 नेताओं का कार्यकाल समाप्त हो गया है। जिसमें जगजीवन प्रसाद, सुरेश कुमार कश्यप, बलराम यादव, रणविजय सिंह, राम सुंदर दास निषाद, कमलेश कुमार पाठक, अतर सिंह राव, दिनेश चंद्रा, शतरुद्र प्रकाश शामिल है।
वहीं नए निर्वाचित सदस्य आने के बाद अब सदन में समाजवादी पार्टी के विधायकों की संख्या सिर्फ 9 रह गई है। जानकारी हो कि सदन में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता के लिए पार्टी के विधायकों की कुल संख्या कम से कम 10 प्रतिशत होनी चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता दीपक सिंह का कार्यकाल भी बुधवार को उच्च सदन में समाप्त हो गया है, जिसके बाद कांग्रेस का प्रतिनिधित्व भी उच्च सदन में समाप्त हो गया है। इस वक्त कांग्रेस के पास उच्च सदन में केवल दो ही विधायक हैं। ऐसा पहली बार है जब कि उच्च सदन में कांग्रेस का एक भी प्रतिनिधि नहीं होगा।
जानकारी के लिए बता दें कि 27 मई को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद पर विराजमान हुए लाल बिहारी यादव का इस पद पर समय सबसे कम रहा है। उनका कार्यकाल केवल केवल 41 दिन का रहा है। इससे पहले इसी साल 28 मार्च से 26 मई तक नेता प्रतिपक्ष बने डॉ संजय लाठर का कार्यकाल केवल 60 दिन का था।
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