MCD Election: दिल्ली एमसीडी चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी दंगा प्रभावित इलाकों में उम्मीदवार खड़ा कर वोट बैंक बांटने के आरोप पर बोले कि मैं सिर्फ 15 सीटों पर चुनाव लड़ रहा हूं, आपको बाकी के सीटों पर जीतने से कौन रोक रहा है। बता दें कि ओवैसी को एक ऐसे फैक्टर के रूप में देखा जा रहा है जो दिल्ली में मुस्लिम वोट बैंक को विभाजित कर सकता है। ओवैसी की पार्टी ने दलित नेता चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी के साथ नगर निगम चुनाव में गठबंधन कर रखा है।
आपको बता दें कि दंगा प्रभावित इलाकों में उम्मीदवार खड़े करने पर ओवैसी पर वोट बैंक तोड़ने के आरोप लग रहे हैं। इस पर ओवैसी ने कहा है कि, “हम दिल्ली में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं? सिर्फ 15, 250 में से 15 घटा दो तो कितनी सीटें बचेंगी? आप बाकी बची सीट पर जीत जाइये ना। हम दिल्ली में जिन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, वहां बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। एक सर्वेक्षण के मुताबिक, इन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के केवल 3% बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश मिलता है।“
दिल्ली की सियासत में मुस्लिम मतदाता 12 फीसदी के आसपास है, जिसकी वजह से हर आठवां मतदाता मुसलमान है। राजधानी की 70 विधानसभा सीटों में से 8 विधानसभा और एमसीडी की 250 में से लगभग 50 सीटों पर मुस्लिम मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं। बता दें कि बल्लीमारान, सीलमपुर, ओखला, मुस्तफाबाद, चांदनी चौक, मटिया महल, बाबरपुर, दिलशाद गार्डेन और किराड़ी मुस्लिम बहुल इलाके में आते हैं। इन इलाकों की पार्षद सीटों पर 40 से 90 फीसदी तक मुस्लिम वोटर हैं। इसके साथ ही त्रिलोकपुरी और सीमापुरी में भी मुस्लिम वोटर बेहद जरूरी माने जाते हैं।
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