Monkeypox Case in Kerala:
दुनिया में अभी लोग कोरोना वायरस के संकट से भी नहीं निकले कि नई बीमारी मंकी फीवर के 11 हजार मामले सामने आ गए हैं। वहीं भारत के केरल में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला भी सामने आ गया है। कोरोना महामारी का कहर देख चुके लोगों में अब इस खबर के बाद से हड़कंप मचा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक केरल में मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया शख्स संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से हाल ही में भारत लौटा है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इस बात की जानकारी दी है। वहीं सरकार ने इस बीमारी से बचाव के उपाय तेज कर दिए हैं। दुनिया के 27 देशों में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के करीब 800 मामले सामने आ चुके हैं. चिंता की बात ये है कि ये बीमारी उन जगहों पर फैल रही है, जहां ये एंडेमिक स्टेज में नहीं है।
मंकीपॉक्स वायरस फैलता कैसे हैं इसके लिए आपको बता दें किस मंकीपॉक्स बीमारी का वायरस ‘फ्लैविविराइडा फैमिली से आता है यह बिमारी बंदरों में पाई जाती है जो अब इंसानों में भी दिखाई देने लगी है। मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों और फिर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
इस बिमारी के लक्षण की बात करें तो इसमें स्किन इंफेक्शन, निमोनिया, भ्रम और आंखों की समस्याएं शामिल हैं। मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षण की बात करें तो बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन लिम्फ नोड्स, ठंड लगना और थकावट आम है। 6-13 दिनों में दिखाई देने वाले लक्षणों में संक्रमित शख्स के शरीर और चहरे पर दाने निकलने लगते हैं।
मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से इसका खतरा ज्यादा बढ़ता है। इसके अलावा संक्रमित जानवर और चूहों से मिलती-जुलती प्रजाति के संपर्क में आने से भी संक्रमण का खतरा रहता है। डब्ल्यूएचओ की मानें तो मरीज का इलाज करने वाले स्वास्थ्यकर्मी, छोटे बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को भी मंकीपॉक्स से संक्रमित होने का खतरा है।
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