Morbi Bridge Accident: गुजरात के मोरबी हादसे की घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। इस घटना में एक पल में कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। आपको बता दे इस पुल का रखरखाव करने वाली कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसी के साथ मोरबी पुल हादसे से जुड़ी कई कहानियां लोगों को हैरान कर रही है। ऐसी ही यह कहानी दो भाई की है, जो मोरबी हादसे में मौत की नींद सो गए।
पुल गिरने की खबर मोरबी में आग की तरह फैल गई। जिसके बाद दो भाई गणपत राठौड़ और मनु आगे आए। दोनों भाइयों ने नदी में डूबते हुए पीड़ितों को अंधेरे के बीच किनारे तक पहुंचने में मदद की। आपको बता दे दोनों भाइयों ने जितना हो सका उतने पीड़ितों को बाहर निकाला। तभी गणपत ने अचानक देखा कि उनके बेटे विजय की मोटरसाइकिल पास में ही खड़ी है। यह देख गणपत चौंकाने वाले अहसास से बेहोश हो गए कि उनके द्वारा निकाले गए शवों में से एक उनके बेटे का था!
गणपत और उसके भाई ने नदी से 12 शव बरामद किए। इस दौरान गणपत ने अचानक अपने बेटे की मोटरसाइकिल को सस्पेंशन ब्रिज गेट के पास देखा। तभी बड़े भाई को तुरंत समझ में आ गया कि विजय वहां अकेले नहीं जा सकता था और निश्चित रूप से अपने चचेरे भाई, जगदीश, मनु के बेटे को भी साथ ले गया था। राजमिस्त्री का काम करने वाले गणपत ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि चचेरे भाई एक साथ पढ़ते और खेलते थे। वे एक साथ रहते और कहीं भी जाते तो हमेशा साथ में रहते थे।
आपको बता दे मनु और गणपत का एक-एक बेटा है और उन्होंने कभी भी अपनी आर्थिक तंगी को अपने बेटों की शिक्षा में बाधा नहीं बनने दिया। विजय को हाल ही में होमगार्ड की नौकरी के लिए चुना गया था और उसे 1 नवंबर से ड्यूटी पर शामिल होना था। उसकी मृत्यु के बाद सरकार की तरफ से 6 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया गया है।
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