Morbi Bridge: गुजरात के मोरबी में कल यानी 30 अक्टूबर को पांच गुना अधिक लोगों के चढ़ने और सेल्फी लेने के चक्कर में मच्छु नदी पर बना ऐतिहासिक झूलता पुल टूट कर गिर गया। इस हादसे में 132 लोगों की मौत हो गई है। पुस की क्षमता 100 लोगों की ही थी लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दुर्घटना के समय लगभग 500 लोग मौजूद थे। मरने वालों में 50 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया का कहना है कि 60 के करीब लापता और 30 लोग घायल हैं। 17 घायलों को अस्पताल में भेजा गया है। मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। एनडीआरएफ की तीन टीमें और सेना के तीनों अंग बचाव कार्य में लगे हुए हैं। वहीं, वायु सेना का विमान गरुड़ मदद के लिए मौके पर पहुंच गया है। प्रदेश सरकार ने घटना की जांच करने के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है।
अधिकारियों के मुताबिक पानी के अंदर कीचड़ में फंसे शवों को बाहर निकालने के लिए पम्पों से पानी हटाया जा रहा है। लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए लोगों ने मानव शृंखला बनाकर भीड़ को दूर रखा। इससे एंबुलेंस व बचाव दल आसानी से आ-जा पाए। प्रदेश के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने जानकारी दी कि पुल 6 महीने से बंद कर रखा था। मरम्मत पूरी होने के बाद इसे 26 अक्तूबर को वापस खोला गया था।
एक अधिकारी का कहना है कि 177 लोग नदी से निकाल लिए गए हैं। बचाव के लिए नावों का सहारा लिया जा रहा है। अब भी नदी में लगभग 40 से 50 लोग फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने की प्रयास किया जा रहा है।
बता दें कि मोरबी का यह केबल सस्पेंशन पुल 140 साल से भी ज्यादा पुराना है। ये करीब 765 फुट तक लबां है। 1879 में ब्रिज का उद्घाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल के द्वारा किया था। उस समय इसकी लागत 3.5 लाख रुपये थी। पुल बनाने मे इस्तेमाल किया गया सामान इंग्लैंड से ही आया था।
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