अभी कोरोना महामारी से दुनिया जुझ ही रही है। इसी में अब मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों ने भी दुनियाभर में दहशत पैदा कर दी है। दुनिया के 80 देशों में मंकीपॉक्स के 16 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कहा गया है कि मंकीपॉक्स का संक्रमण संभव तो है लेकिन ये घातक नहीं है।
मंकीपॉक्स होने वाले लोगों के बुखार से लेकर बदन दर्द होता है और शरीर के अंगों में सूजन समेत दाने दिखाई देते हैं। वहीं, इससे ठीक होने में मरीज को 2 से चार हफ्ते तक लग जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पीड़ित के संपर्क में आने से मंकीपॉक्स हो सकता है। उन्होंने ये भी जानकारी दी कि, ये बीमारी बंदरों, चूहों और गिलहरियों से भी फैल सकती है और कुछ मामले गंभीर भी हो सकते हैं।
पश्चिमी अफ्रीका में मंकीपॉक्स के कुछ मरीज़ों कि मौत भी हो गई है। हालांकि, ऐसे मामले एक फीसदी से भी कम हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मृत्यु दर 0 से 11 प्रतिशत तक हो सकता है। उन्होंने ये भी बताया कि ये बीमारी छोटे बच्चों में जानलेवा हो सकती है।
भारत में मंकीपॉक्स के अबतक 5 मामले दर्ज हुए हैं। ये मामले केरल, दिल्ली, तेलंगाना से आए हैं। दिल्ली में मंकीपॉक्स का आज एक और मरीज मिला है। मरीज को लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल भर्ती करा दिया गया है। इसी अस्पताल में मंकीपॉक्स का एक अन्य व्यक्ति भी अस्पताल में भर्ती है। वहीं, तेलंगाना में एक संदिग्ध मरीज का इलाज चल रहा है।
मंकीपॉक्स के खतरे को रोकने के लिए मरिजों के दर्ज मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार समेत कई राज्य अलर्ट पर हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के बाद कई राज्यों में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश में मंकीपॉक्स का अभी तक एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है लेकिन योगी सरकार ने खतरे को देखते हुए इसका सामना करने की तैयारी शुरू कर दी है।
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