Tuesday, July 9, 2024
HomeDelhiNational Emblem Unveiling Row: अशोक स्तम्भ को लेकर देश में क्यों छिड़ा...

National Emblem Unveiling Row:

देश की राजनीति अलग ही दिशा में जा रही है। लगातार छोटी बड़ी बातों को लेकर देश में विवाद होना आम हो गया है। खैर इस बार विवाद संसद के नए भवन पर विराजमान होने वाले राष्टीय चिन्ह अशोक स्तम्भ को लेकर है। 11 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के बाद से ही लगातार विपक्ष अशोक स्तंभ की आकृति और शेर के मुह को लेकर आपत्ति जता रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि शेर को आक्रामक दिखाया गया है, जबकि असल चिन्ह में शेर सौम्य दिखाई देता है।

ओवैसी ने भी दी प्रतिक्रिया

वहीं इस मामले में अब AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी कूद गए हैं उनका कहना है कि अशोक स्तंभ का उद्घाटन पीएम को नहीं, लोकसभा स्पीकर को करना चाहिए था। ये संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अभी संसद भवन की बिल्डिंग बनीं नहीं और प्रधानमंत्री अशोक स्तंभ का उद्घाटन करने पहुंच जाते हैं, इतना टाइम कहां से आता है प्रधानमंत्री आपके पास?

ये है खासियत

जानकारी के लिए बता दें कि संसद भवन के शीर्ष पर लगा अशोक स्तंभ ब्रॉन्ज से बना है जिसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है, और वजन 9500 किलो वजनी है। इसके साथ ही 6500 किलो का सपोर्टिंग स्ट्रक्चर भी है। वहीं बता दें कि 1200 करोड़ रुपए में बन रहे नए संसद भवन का निर्माण इस साल के अंत या 2023 की शुरुआत में पूरा होने की उम्मीद है। मौर्य काल के समय की बेहतरीन और सबसे चर्चित आकृतियों में अशोक स्तम्भ शुमार है।

‘अशोक स्तम्भ में शेर का मुंह पराक्रम का प्रतीक’

कई इतिहासकारों ने अशोक स्तम्भ पर हो रहे इस विवाद को बेवजह का विवाद बताया है। लखनऊ विश्वविद्यालय में प्राचीन इतिहास विभाग के प्रमुख प्रो पीयूष भार्गव ने इस मामने में जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के म्यूज़ियम में भी एक अशोक स्तंभ की आकृति रखी हुई है। अशोक स्तम्भ में शेर का मुंह पराक्रम का प्रतीक है ना कि गुस्से का। उन्होंने बताया कि सम्राट अशोक चक्रवर्ती राजा थे और उन्होंने चारों तरफ देखने वाला एक ऐसा प्रतीक बनवाया जिसमें शेर उनके पराक्रम के प्रतीक के तौर पर दिखाई देता है।

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