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National News: मुख्तार अब्बास नकवी ने मंत्रीपद से दिया इतीफा, बनाए जा सकते हैं उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार

• LAST UPDATED : July 6, 2022

National News:

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज अपने मंत्रीपद से इतीफा दे दिया है। आगामी 7 जुलाई को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। वहीं नकवी के साथ ही जदयू के राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का कार्यकाल भी गुरूवार को समाप्त हो जाएगा।

पीएम नरेद्र मोदी ने की कार्य की सराहना

आज कैबिनेट बैठक के बाद ही दोनों नेताओं ने अपने मंत्री पद से इतीफा दे दिया। जानकारी के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मौजूदा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों से इस्तीफा दिया है। बैठक में खुद प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने भी उनके कार्य की सराहना की।

बन सकते हैं उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार

इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्तार अब्बास नकवी को एनडीए की तरफ से उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। नकवी ने बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान नकवी की भावी भूमिका को लेकर बात की गई।

राज्यसभा का भी नहीं मिला था टिकट

जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी ने मुख्तार अब्बास नकवी को राज्यसभा का टिकट भी नहीं दिया था. वहीं हाल ही में हुए रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा चुनावों के लिए भी उन्हे पार्टी ने टिकट नहीं दिया। ऐसे में सियासी गलियारों में ये चर्चा शुरू हो गई की पार्टी उनको बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।

साल 1975 में पहली बार रखा राजनीति में कदम

मुख्तार अब्बास नकवी के राजनीतिक करियर की बात करें तो 15 अक्टूबर 1957 को प्रयागराज में जन्मे नकवी ने पत्रकारिता की पढ़ाई की है। साल 1975 में पहली बार राजनीति में कदम रखने वाले नकवी ने आपातकाल का विरोध किया था जिसके कारण उन्हे जेल भी जाना पड़ा।

दो बार किया हार का सामना

नकवी ने साल 1980 में जनता पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन इसमें इन्हे हार का सामना करना पड़ा था। इसी साल उन्होंने अयोध्या से लोकसभा का चुनाव निर्दलीय लड़ा, लेकिन यहां भी उन्हें हार मिली।

अटल सरकार में मिला सूचना प्रसारण मंत्री का पद

इसके बाद वह 1998 में रामपुर से भारतीय जनता पार्टी का हाथ थामते हुए चुनाव जीत गए। जिसके बाद उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री का पद दिया गया।

साल 2014 में बने अल्पसंख्यक राज्यमंत्री

वहीं 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद नकवी को अल्पसंख्यक राज्यमंत्री बनाया गया और 2016 में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया। जिसके बाद दोबारा 2019 में मोदी सरकार आने पर उनका यह पद कायम रहा।

लगातार लगाए जा रहे हैे ये कयास

अब अगर बात की जाए मुख्तार अब्बास नकवी के पद को लेकर तो पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें पार्टी कोई बड़ा पद दे सकती है। फिलहाल बात करें तो उन्हे उप राष्ट्रपति बनाए जाने के अलावा दो और कयास लगाए जा रहे हैं।

मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

पहला ये कि नकवी राज्यसभा के उन 12 मनोनीत सांसद में से एक हो सकते हैं जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है। फिलहाल इस वक्त पांच मनोनीत सदस्य हैं। दूसरा ये कि हाल ही में गुजरात और हिमांचल में चुनाव होने है वहीं 2024 में लोकसभा चुनाव भी है जिसको लेकर पार्टी नकवी को संगठन की जिम्मेदारी सौंप सकती है।

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