India News Delhi (इंडिया न्यूज दिल्ली) Naya Niyam: आज यानी 1 जुलाई से देश में तीनों नए कानून लागू हो गए हैं।अब भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत न्याय प्रबन्ध आगे बढ़ेगा। नए कानून में डिजीटली प्रमाण से लेकर E-FIR और फोरेंसिक लैब पर ज़ोर दिया जा रहा है।
भारतीय न्याय संहिता के हर प्रावधान में समय सीमा तय हो गई है। एफआईआर से लेकर चार्जशीट, जाँच, और कोर्ट के फैसले तक की डेडलाइन निर्धारित कर दी गई है। इसके परिणाम स्वरूप न केवल पुलिस जाँच में तेज़ी होगी। बल्कि अदालत की कार्रवाई में भी तेज़ी दिखेगी और निर्णय जल्दी आ सकेंगे।
नए कानून के अनुसार, अदालत को पहली सुनवाई की तारीख का फैसला 60 दिनों के अंदर करना होगा और अंतिम सुनवाई के बाद ज्यादा से ज्यादा 45 फैसला सुनाना ज़रूरी है। जाँच और फैसलों में तेज़ी लाने के लिए अब ई-मेल और मोबाइल मेसेज भी प्रमाण के रूप में स्वीकार किए जाएंगे और इसकी वजह से कोर्ट में तारीख पर तारीख नहीं मिलेगी और केस जल्दी निपट सकेंगे।
अब किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है और घटनास्थल वाले थाने में 15 दिन के अंदर एफआईआर ट्रांस्फर की जाएगी इससे पहले घटनास्थल वाले थाने में ही एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती थी। जाँच के लिए केस को संबंधित पुलिस स्टेशन में भेजा जाएगा। यदि जीरो एफआईआर ऐसे अपराध से जुड़ी हुई है जिसमें तीन से सात साल की सज़ा मिल सकती है तो फोरेंसिक टीम को सबूतों की कड़ी जाँच करनी होगी।
शिकायतकर्ता को एफआईआर और कथन से जुड़े दस्तावेज भी देने का प्रावधान किया गया है। शिकायतकर्ता चाहे तो पुलिस से की गई आरोपी से पूछताछ की जानकारी भी ले सकता है।
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