इंडिया न्यूज, Operation Kaveri: सूडान संकट(Sudan crisis) के बीच ऑपरेशन कावेरी के तहत भारत सरकार द्वारा 1700 भारतीयों(1700 Indians) को अबतक सुरक्षित निकाला जा चुका है। सरकार की ओर से इस बचाव अभियान की शुरुआत 27 अप्रैल को किया गया। जोकि अब भी जारी है। सूडान(Sudan) में भारतीय उच्चायोग को करीबन 4 हजार से ज्यादा लोगों सुरक्षित वापस लाने का अनुरोध प्राप्त हुआ। जिसके बाद केंद्र सरकार की ओर से अहम बैठक कर फैसला किया गया कि ‘ऑपरेशन कावेरी'(Operation Kaveri) के तहत सभी फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस देश लाया जाएगा।
इस अभियान के तहत अबतक कुल 1700 भारतीयों को सुरक्षित वापस देश लाया जा चुका है। भारत सरकार की ओर से इस अभियान को अंजाम देने के लिए सेना का जम्बो C-17 प्लेन का इस्तेमाल किया गया है। जोकि भारतीयों को लेकर दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई के एयरपोर्ट पर उतरी है।
सूडान से लौटे एक भारतीय ने बातचीत में कहा, “मेरा नाम शिवानंद है। मैं हक्की पिक्की जनजाति से संबंध रखता हूं। मैं चन्नागिरी तालुक के गोपनला गांव से हूं। मैं भारत सरकार और कर्नाटक सरकार और आपदा प्रबंधन आयुक्त मनोज राजन को धन्यवाद देना चाहता हूं। मीडिया और उनकी मदद से , हम वापस आ गए। मुझे अपने देश और अपने लोगों पर गर्व है।”
सूडान से लौटे नंदीश राजू कहते हैं, ”सरकार ने हमारे लिए बहुत कुछ किया। हम बहुत मुश्किल स्थिति में थे। भारतीय दूतावास हमें सुरक्षित स्थान पर ले गया और हम सभी को भोजन और पानी उपलब्ध कराया।”
अफ्रीकी देश सूडान मौजूदा समय में गृहयुद्ध की संकट से जूझ रहा है। इस संकट से सूडान में रह रहे भारतीय भी बूरी तरह से प्रभावित हो रहे थे। प्रवासी भारतीयों ने इस बीच भारत सरकार से उन्हें वापस देश लाने की अपील की। इस बीच सरकार की ओर से अहम बैठक कर फैसला लिया गया। जिसमें “ऑपरेशन कावेरी” के तरह फंसे भारतीयों को वापस लाने का अभियान चलाया गया। जोकि फिलहाल जारी है।
रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरन यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने का बड़ा मिशन को केंद्र सरकार ने अंजाम दिया। जिसे “ऑपरेशन गंगा” कहा गया।ऑपरेशन गंगा 26 फरवरी से 11 मार्च तक चलाया गया था। इसके तहत सैकड़ों छात्र यूक्रेन से रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, मोल्दोवा और स्लोवाकिया जैसे पड़ोसी देशों के माध्यम से भारत लौटे थे।