India News (इंडिया न्यूज) : हैदराबाद से सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ओबीसी आरक्षण मामले को एक बार फिर से उठाया है। ओवैसी ने मांग की है कि रिजर्वेशन कोटा की 50 फीसदी लिमिट को बढ़ाना चाहिए। ओवैसी ने इसके पीछे दलील दी है कि इसकी वजह कुछ लोगों को आजतक आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है। बता दें, ओवैसी ने रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए आरक्षण कोटा बढ़ाने की मांग की है।
बता दें, ओवैसी ने पूर्व में ट्विटर यानि एक्स पर पोस्ट किया कि भारत की 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मात्र 27 फीसदी (आरक्षण) के लिए कम्पटीशन करने के लिए मजबूर है। केंद्र की मोदी सरकार को 50 फीसदी की लिमिट को बढ़ाना चाहिए और उन ग्रुप्स के लिए आरक्षण का विस्तार करना चाहिए जिन्हें कभी आरक्षण का लाभ नहीं मिला। आगे ओवैसी ने यहाँ भी कहा की कुछ प्रमुख जातियों ने सभी तरह के लाभ पर कब्जा कर लिया है। उन्होए कहा कि सब-क्लासीफिकेशन समानता के आधार पर किया जाना चाहिए ताकि एक छोटे बुनकर परिवार के बच्चे को पूर्व जमींदार के बेटे के साथ मुकाबला करने के लिए मजबूर ना होना पड़े। जो समुदाय राज्य की बीसी लिस्ट में शामिल हैं, उन्हें केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
रोहिणी कमीशन का गठन संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत किया गया था। 340 अनुच्छेद के तहत दो आयोग बनाए गए हैं। जिनमें से एक आयोग का नाम मंडल कमीशन है। मंडल कमीशन के रिपोर्ट के आधार पर ही 52 प्रतिशत आबादी को सरकार की नौकरियों और शिक्षा विभाग में 27 फीसदी आरक्षण दिया जाता है। इसके तहत ही पहला पिछड़ा वर्ग आयोग यानी काका कालेलकर आयोग बना गया था।
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