जैसा कि आप जानतें हैं कि केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI और इससे जुड़ी संस्थाओं को पांच साल के लिए बैन कर दिया गया हैं। इसके साथ ही सरकार ने PFI के साथ साथ इसके आधिकारिक ट्विटर हैंडल को भी बैन कर दिया हैं। वहीं पाकिस्तानी मीडिया ने इस मामले में नाराजगी जाहिर की है। आइए जानतें हैं कि पाकिस्तानी अखबार डॉन क्या कहना हैं?
इस मामले में पाकिस्तानी मीडिया के प्रमुख अखबार डॉन ने मिलीजुली प्रतिक्रिया जताई है। डॉन ने कहा है कि PFI मोदी सरकार के खिलाफ देश में हो रहे ऐसे प्रदर्शनों में मदद करता है, जिसे मुस्लिम भेदभाव के नजरिए से देखते हैं। डॉन ने आगे उदाहरण दिया जैसे साल 2019 में भारत में एंटी सीएए प्रदर्शन हुआ था और 2022 में कर्नाटक में हिजाब को लेकर मुस्लिम महिलाओं ने प्रदर्शन किया। इन सभी को PFI ने सहयोग किया हैं।
डॉन ने आगे कहा कि भारत की कुल 140 करोड़ वाली आबादी में कुल 13 फीसदी मुसलमान रहते हैं। इसमें में ज्यादातर मोदी सरकार में धर्म के नाम पर नजरअंदाज किए जाने की शिकायत करते हैं। डॉन ने कहा हालांकि मोदी सरकार मुसलमानों के साथ भेदभाव के आरोपों को हमेशा खारिज करती आई है। वहीं मुसलमानों के साथ भेदभाव के मुद्दे पर मोदी सरकार उन आंकड़ों पर बात करती है जिसमें कहा जाता है कि सरकार की योजनाओं का फायदा सभी धर्मों के लोगों को बपाबरी के साथ मिलता है।
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