जलवायु परिवर्तन के मौके पर प्रधानमंत्री विश्व के नेताओं को संबोधित करते हुए बोले कि कोई मुद्दा जन आंदोलन तब बन जाता है, जब वह चर्चा के मेज से रात्री भोज के मेज तक पहुंच जाता है. आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोग इस बात को लेकर सजग हो जाते है, कि रोजना के उनके द्वारा किए गए छोटी छोटी कोशिशें भी बेहद कारगर साबित हो सकती है. तो पर्यावरण पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
पर्यावरण में सुधार के लिए विश्व बैंक की ओर आजोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा ‘दुनियाभर के लोग जलवायु परिवर्तन के बारे में बहुत कुछ सुनते हैं. उनमें से कई लोग बहुत बेचैनी महसूस करते हैं, क्योंकि वे नहीं जानते कि वे इसका प्रभाव कम करने के लिए क्या कर सकते हैं. उन्हें लगातार एहसास कराया जाता है कि इसमें सिर्फ सरकारों या वैश्विक संस्थानों की ही भूमिका है. अगर उन्हें पता चल जाए कि वे भी योगदान दे सकते हैं, तो उनकी बेचैनी कार्रवाई में बदल जाएगी.’
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आगे पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोग पर्यावरण के मुद्दे पर काफी काम किए है. लोगों ने अनेक क्षेत्रों में लिंगानुपात को कम किया है. बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाया है. भारत के लोगों ने यह प्रयास किया है कि चाहे नदियां हो या सड़क या सार्वजनिक स्थल हर जगह पर स्वच्छता बनी रहे. पीएम ने आगे कहा कि लोगों ने ही एलईडी लाईट को अपनाया और इस अभियान के सफल बनाय़ा भारत में अबतक करीब 37 करोड़ एलईडी बल्ब बेचें जा चुके हैं.
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