पीएम मोदी ने मंगलवार को भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से द्विपक्षीय समूहों को मजबूत करने की चर्चा की. चीन लगातार थीम्पू पर प्रभाव बढाने का प्रयास कर रहा है. इस बीच भूटान नरेश की चिंताएं बढ़ी तो उन्होंने भारत का रूख किया.
डोकलाम विवाद के बाद भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग की हाल की कुछ टिप्पणियों को देखें तो ऐसा लगा कि चीन के करीब जा रहे हैं, हालांकि भूटान ने कहा, कि सीमा विवाद पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी और वांगचुक के बीच बातचीत द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने के तरीकों पर केंद्रित रही. आपको बता दें कि भूटान चीन के साथ 400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है.
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आपको बता दें कि भूटान भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण देश है, अगर पिछले कुछ दिनों की बात करें तो दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है. दरअसल डोकलाम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 73 दिनों तक चले टकराव की पृष्ठभूमि में पिछले कुछ वर्षों में तेजी देखी गई है. दरअसल डोकलाम पठार को सामरिक दृष्टिकोण से भारत के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है.
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