Pollution News: इस साल सितंबर और अक्टूबर में बारिश लंबे दौर के लिए आई। जिसकी वजह से पंजाब और हरियाणा में धान की कटाई काफी प्रभावित हुई है। बता दे एक्सपर्ट के अनुसार, इसकी वजह से अब पराली जलाने के मामले बढ़ सकते हैं। दरअसल पिछले दो से तीन दिनों में पराली जलाने के मामलों में उछाल आया है। आपको बता दे धान की कटाई में देरी होने की वजह से किसानों को दिक्कत होती है। दरअसल अगली फसल के लिए खेतों को तैयार करने का काफी कम समय रह गया है।
आपको बता दे दिल्ली एनसीआर में अक्टूबर नवंबर में मौसम के साथ पराली जलाने के कारण भी प्रदूषण बढ़ रहा है। बता दे कि किसान गेंहू और आलू के लिए अपनें खेतों को जल्दी तैयार करने के लिए धान की पराली में आग लगा देते हैं। इस बार की बारिश के कारण कटाई में देरी हो गई है। आईएआरआई ने बताया कि, बारिश की वजह से धान की कटाई में देरी हुई है। इस कारण से इस समय काफी पराली इकट्ठी हो गई है। ऐसे में संभावना है कि इस साल पराली जलाने के मामले बढ़ सकते हैं। इसी के साथ आईएआरआई के साइंटिस्ट ने आगे बताया कि पराली जलाने के ज्यादा मामले 15 अक्टूबर के बाद होते हैं।
वहीं, बता दे पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से मिली जानकारी के मुताबिक अमृतसर, तरन तारन व अन्य जिलों में बारिश की वजह से धान की कटाई में करीब एक हफ्ते की देरी हुई है। यहां के सभी किसान 15 अक्टूबर से अपने खेतों में आलू और अन्य सब्जियां लगाना शुरू कर देते हैं।
आपको बता दे कि कटाई में देरी होने की वजह से किसानों को सब्जियां उगाने की जल्दी हो रही है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मशीनरी से पराली के निस्तारण की जगह किसान पराली जलाएंगे। इस साल 20 सितंबर से पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन बार बार आ रही बारिश की वजह से पराली जलाने में लोगों को बाधा आ रही है।
आपका बता दे बारिश थमने के बाद राजधानी में ठंड बढ़ने लगी है। आने वाले कुछ दिनों के अंदर ही पराली का धुंआ भी राजधानी पहुंचने लगेगा। ऐसे में अगले दो से तीन दिनों में राजधानी की हवा खराब हो सकती है। सांस की बीमारी, अस्थमा और एलर्जी से जूझ रहे लोगों के लिए परेशानी भरे मौसम की शुरुआत हो चुकी है।
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