India News (इंडिया न्यूज़) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यानि रविवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत की। इससे पहले उन्होंने इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया और दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन पर द्वारका सेक्टर 21 से सेक्टर 25 तक के विस्तार का भी उद्घाटन किया।
बता दें, ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का उद्देश्य न केवल देशभर के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से समर्थन देना है, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति तथा विविध विरासत को जीवित और समृद्ध रखना भी है। ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ में 18 पारंपरिक शिल्प-कलाओं को शामिल किया गया है।
इस योजना का उद्देश्य कारीगरों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इससे कारीगरों के पारंपतिक कौशल के अभ्यास को बढ़ावा मिलेगा। यह कारीगरों तक प्रोडक्ट्स और सर्विस को सही से पहुंचाने में मदद करेगी। इस योजना के लाभार्थी को 15,000 रुपये का टूलकिट मिलिगा। इसके अलावा लाभार्थि को स्किल ट्रेनिंग के साथ 500 रुपये प्रति दिन के स्टाइपेंड भी मिलेगा। इस स्कीम के अंतर्गत बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का इस्तेमाल करके कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से विश्वकर्माओं का फ्री रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
इस योजना का लाभ लोहार, ताला बनाने वाले, कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोभी, दर्जा, मछली का जाल बनाने वाले सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राज मिस्त्री, डलिया, चटाई और झाड़ू बनाने वाले लोगों को मिलेगा।
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