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Ram Mandir: खुद को कहता था ‘फकीर’ पर निकला दिल से अमीर, राम मंदिर के लिए दिया सबसे अधिक दान

• LAST UPDATED : January 10, 2024

India News(इंडिया न्यूज़), Ram Mandir: अयोध्या में भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। राम भक्तों के दान से ही राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है। 22 जनवरी को पीएम मोदी की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। राम मंदिर को अब तक 5500 करोड़ रुपये से ज्यादा का दान मिल चुका है और अभी भी दान मिल रहा है। राम मंदिर के लिए दान देने वालों में एक राम भक्त ऐसे भी हैं जो खुद को फकीर कहते हैं, लेकिन दिल के बहुत अमीर हैं। हम बात कर रहे हैं आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक मोरारी बापू की। मोरारी बापू ने राम मंदिर के लिए देश में सबसे ज्यादा दान दिया है।

खुद को फकीर कहते थे (Ram Mandir)

मोरारी बापू अक्सर अपनी कहानियों में खुद को फकीर कहते हैं। लेकिन जब राम मंदिर निर्माण के लिए दान की बात आई तो उन्होंने अपना बड़ा दिल दिखाया और सबसे ज्यादा पैसा राम मंदिर के लिए दान कर दिया। वैसे तो देश में कई अमीर लोग हैं, लेकिन राम मंदिर के लिए दान देने वालों की लिस्ट में मोरारी बापू टॉप पर हैं। मोरारी बापू ने राम मंदिर के लिए 11.3 करोड़ रुपये का दान दिया है। इतना ही नहीं अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में बैठे उनके भक्त अनुयायियों ने अलग से 8 करोड़ रुपये का दान भी दिया है।

मोरारी बापू कौन हैं?

खुद को राम भक्त बताने वाले मोरारी बापू अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समर्थक रहे हैं। हालाँकि, उन्होंने इस मामले में आक्रामक होने के बजाय हमेशा सरकार और अदालत के प्रयासों पर विश्वास किया। मोरारी बापू देश-दुनिया में रामकथा करने के लिए जाने जाते हैं। मोरारी बापू राम चरित मानस के प्रसिद्ध व्याख्याता हैं और दुनिया भर में पचास वर्षों से अधिक समय से राम कथा का वाचन कर रहे हैं।

गुजरात से क्या है कनेक्शन?

1946 में गुजरात के भावनगर में जन्मे मोरारी बापू आज भी अपने परिवार के साथ वहीं रहते हैं। उनकी वेबसाइट के मुताबिक, मोरारी बापू ने बारह साल की उम्र में संपूर्ण राम चरित मानस याद कर लिया था और 14 साल की उम्र में राम कथा सुनाना शुरू कर दिया था। मोरारी बापू की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने भी उनकी कहानी सुनी है।

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