Religious Conversion News: दिल्ली हाईकोर्ट में जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस जनहित याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को उचित निर्देश देने की मांग की गई है। दरअसल जो लोग डराने-धमकाने, काले जादू और अंधविश्वास के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन करते उन पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि किसी तरह से धर्म परिवर्तन हमारे संविधान का उल्लंघन करता है। दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में धर्मांतरण को धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ भी बताया गया है, जो कि संविधान के बुनियादी ढांचे का एक अभिन्न अंग है।
दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका देने वाले याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय पेशे से वकील और बीजेपी के नेता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि केंद्र और दिल्ली सरकार काला जादू अंधविश्वास और धोखे से धर्मांतरण के खतरे को नियंत्रित नहीं कर पा रही है। यह अनुच्छेद 51 a के तहत उनका कर्तव्य है और केंद्र को निर्देश जारी करने की मांग करता है। भारतीय दंड संहिता के अध्याय-XV में परिवर्तन का सुझाव देने या धर्म परिवर्तन अधिनियम का मसौदा तैयार करने के लिए एक कमेटी नियुक्त करने की बात है।
याचिका में कहा गया है कि ऐसा एक भी जिला नहीं है, जो काले जादू, अंधविश्वास और धर्म परिवर्तन से मुक्त है। बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की घटनाएं हर दिन सामने आ रही हैं। डरा-धमकाकर, धोखा देकर, उपहारों और आर्थिक लाभों के जरिए और काला जादू, अंधविश्वास के माध्यम से धर्मांतरण का काम जारी है।
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