Extra Service Tax:
नई दिल्ली: रेस्तरां में ग्राहकों से सेवा शुल्क के नाम पर अलग से शुल्क लगाने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सवाल खड़ा किया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में कहा कि इसके स्थान पर खाद्य उत्पादों के दाम बढ़ाने का तरीका अपनाया जा सकता है।
दरअसल, मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने सरकार की तरफ से दायर एक अपील की सुनवाई के दौरान यह टीप्पणी की। हालांकि इससे पहले हाईकोर्ट की एकल पीठ ने होटलों एवं रेस्तरांओं को ग्राहकों से सेवा शुल्क लेने पर रोकने वाले केंद्र के निर्देश पर विचार के लिए कुछ समय तक रोक दिया था।
पीठ ने कहा कि जनता रेस्तरां में वसूल किए जाने वाले इस सेवा शुल्क को सरकार की तरफ से लगाया गया शुल्क समझती है। पीठ ने कहा कि अगर होटल एवं रेस्तरां ग्राहक से अधिक राशि वसूलना चाहते हैं तो वे अपने यहां परोसे जाने वाले खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ा सकते हैं। फिर उन्हें बिल में अलग से सेवा शुल्क लेने की जरूरत नहीं रह जाएगी।
दरअसल, रेस्तरां संगठनों ने अपनी दलील में कहा था कि सेवा शुल्क सरकारी नहीं होता, बल्कि यह रेस्तरां में काम करने वाले कर्मचारियों को लाभ दिलाने के लिए वसूला जाता है। जिसपर न्यायालय ने अपनी असहमति जताई। पीठ ने कहा कि अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाइए, हम आपकी बात सुनेंगे। जिसके बाद पीठ ने मामले क 18 अगस्त तक स्थगित कर दिया।
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