SC On Agneepath Scheme:
अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा लाई गई इस योजना दोनों पक्षों की दलील सुनी और सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में अग्निपथ योजना के खिलाफ तीन याचिकाएं दाखिल की गई थी। जिसमें योजना पर रोक लगाने की मांग की गई थी। अधिवक्ता एमएल शर्मा ने मामले में जनहित याचिका दायर कर योजना को अवैध और असंवैधानिक करार दिया है। याचिकाकर्ताओं ने ये भी मांग की थी कि जो सेना की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं उन पर ये योजना लागू नहीं की जानी चाहिए।
इसके अलावा मामले में केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट अर्जी दाखिल की है। 21 जून को कैविएट अर्जी दाखिल कर केंद्र ने अग्निपथ’ भर्ती योजना पर सरकार का पक्ष सुनने की भी मांग की है। जिसमें अपील की गई है कि उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश ना दिया जाए।
जानकारी के लिए बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत थलसेना में भर्ती प्रक्रिया जहां 1 जुलाई, वायुसेना में 24 जून जबकि नौसेना में 25 जून से शुरू हो गई। जिसमें 17.5 वर्ष से 23 वर्ष तक के उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे। वैसे तो यह भर्ती चार सालों के लिए होगी। लेकिन चार साल पूरे होने के बाद परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी कर्मियों को वापस से रेगुलर कैडर के लिए नामांकित किया जाएगा।
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