India News(इंडिया न्यूज़), NCPCR : देशभर में ठंड और शीतलहर का प्रकोप जारी है । कई राज्यों में न्यूनतम तापमान सिंगल डिजिट में आ गया है। वहीँ, मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी ठंड और शीतलहर बढ़ने की संभावना जताई है। इस बीच दिल्ली-नोएडा, हरियाणा समेत कई राज्यों में स्कूलों में विंटर वेकेशन बढ़ा दिया गया है, जबकि कई राज्यों में स्कूलों का रिपोर्टिंग टाइम बदला गया है। इसके अलावा हाल ही में चंडीगढ़ में घने कोहरे और शीतलहर की स्थिति को देखते हुए सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों का समय बदल दिया गया है।
बता दें, ठंड की गंभीर स्थिति में स्कूलों बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने चिंता जताई है। एनसीपीसीआर ने इसके लिए सभी राज्यों /केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों को लिखा लेटर लिखा है। जिसमें ठंड के मौसम में स्कूल खोलने में सावधानी बरतने की सिफारिश की गयी है।
बता दें, NCPCR ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों को लिखे लेटर में कहा है कि ‘जैसा कि आप जानते हैं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) सीपीसीआर अधिनियम, 2005 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है। जो यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे अपने अधिकारों का आनंद लें और बच्चों से संबंधित मामलों को बाल अधिकारों के नजरिए से देखें। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 और भारत के संविधान के तहत बच्चों के लिए प्रदान किए गए अन्य शिक्षा संबंधी प्रावधानों के तहत आयोग द्वारा आपको निर्देश दिया जाता है।
इसके आगे आयोग ने कहा है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा का मुद्दा उन प्रमुख क्षेत्रों में से एक है जिसमें आयोग सक्रिय कदम उठा रहा है। आयोग सभी स्तरों पर अधिकारियों द्वारा शुरू की गई सभी नीतियों, कार्यक्रमों और गतिविधियों का आधार बनाने के लिए अधिकार आधारित दृष्टिकोण पर जोर देता है। पिछले कुछ दिनों में आयोग ने देखा है कि गंभीर ठंड की स्थिति स्कूलों में बच्चों के लिए चिंता का कारण बन रही है, खासकर उन राज्यों में जहां ठंड का मौसम उस स्तर तक पहुंच जाता है जो बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। छोटी उम्र के बच्चों को स्कूल के दौरान और यात्रा के दौरान उचित देखभाल की आवश्यकता होती है।
आगे एनसीपीसीआर ने लिखा है कि, NCPCR धारा 13 (1) (A) और (k) के तहत स्कूल कैलेंडर और समय सारणी की समीक्षा करने और तदनुसार संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने की सिफारिश करता है क्योंकि ठंड के मौसम में जोखिम हो सकता है। आयोग ने यह भी कहा कि मौसम बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालते हैं। राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ठंढ के मौसम के दौरान अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन के निर्णय के कारण किसी भी बच्चे को स्कूलों में या स्कूल आने-जाने के दौरान परेशानी न हो।