Saturday, July 6, 2024
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'सीता' रहे 'अकबर के साथ.. हरगिज मंजूर नहीं.. हाई कोर्ट पहुंचा केस, जानिए क्या है पूरा मामला?

India News (इंडिया न्यूज),Calcutta High Court: कलकत्ता हाई कोर्ट मंगलवार (20 फरवरी) को विश्व हिंदू परिषद (VHP) की बंगाल शाखा की ओर से दायर शेर और शेरनी के नामों से संबंधित याचिका पर सुनवाई करेगा। दरअसल, सिलीगुड़ी के सफारी पार्क में कथित तौर ‘अकबर’ नाम के शेर को ‘सीता’ नाम की शेरनी के साथ रखने को लेकर पश्चिम बंगाल वन विभाग को चुनौती दी गई है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, 16 फरवरी को यह मामला जस्टिस सौगत भट्टाचार्य की पीठ के सामने लाया गया था। इस मामले में राज्य के वन विभाग के अधिकारियों और सफारी पार्क के निदेशक को पक्षकार बनाया गया है।

सिपाहीजला जूलॉजिकल पार्क से लाए गए थे शेर और शेरनी

सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, शेर और शेरनी को हाल ही में त्रिपुरा के सिपाहीजला जूलॉजिकल पार्क से लाया गया था। वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने शेर और शेरनी का नाम नहीं बदला है। उन्होंने यह भी दावा किया कि ये नाम दोनों जानवरों के सफारी पार्क में आने से पहले दिए गए थे।

दरअसल, यह पूरा विवाद अकबर और सीता नाम की वजह से है। अकबर भारत में मुगल साम्राज्य का एक मुस्लिम राजा था, जबकि सीता हिंदू महाकाव्य रामायण के मुताबिक, भगवान राम की पत्नी थीं। विहिप ने यह भी आरोप लगाया है कि इस शेर और शेरनी का नामकरण राज्य के वन विभाग ने किया।

VHP ने नाम बदलने का किया अनुरोध

बता दें, विहिप ने अपनी याचिका में दावा किया है कि सफारी पार्क में अकबर नाम के शेर के साथ सीता नाम की शेरनी को रखना हिंदू धर्म का अपमान होगा और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा। उन्होंने अनुरोध किया है कि शेरनी का नाम बदल दिया जाए।

VHP प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क में जिन शेर-शेरनी को प्रजनन हेतु लाया गया है, उनका नाम अकबर और सीता है। आखिर ये किसके दिमाग की उपज है, इसकी जांच तो होनी ही चाहिए, साथ ही इनके नाम भी बिना देरी के बदल कर संबंधित अधिकारियों को हिन्दू जन-भावनाओं पर चोट करने के लिए माफी भी मांगनी चाहिए।”

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