India News(इंडिया न्यूज): मणिपुर की हिंसा ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खिंच लिया था, लेकिन अब स्थिति में सुधार हो रहा है, बीते दो दिनों में मणिपुर से हिंसा की कोई खबर सामने नहीं आई है. आधिकारियों ने बताया इंफाल पश्चिम चुरुचांदपुर, विश्णुपुर और जीरिबाम समेत 11 जिलों में धारा 144 में ढ़ील दी गई है. वहीं कल यानी 9 मई को धारा 144 में 4 घंटे की छूट दी गई थी.
26 हजार लोगों को किया गया स्थानांतरित-
मंत्री सपम रंजन सिंह ने कहा था, ’26 हजार अन्य लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित कर दिया गया है और इनमें से कई ने अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ले ली है. सेना और असम राइफल्स की कुल 128 टुकड़ियों ने प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च जारी रखा और चौबीसों घंटे हवाई निगरानी की जा रही है. अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को 10 पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद पूर्वोत्तर राज्य में हिंसक झड़पें हो गई थीं.
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क्या थी हिसा की वजह?
आपको बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हुई जातीय हिंसा में कम से कम 60 लोग मारे गए हैं. करीब 231 लोग घायल हुए हैं और हजारों अन्य विस्थापित हो गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, चुराचांदपुर से 2500 प्रभावित लोगों और सीमावर्ती शहर मोरेह में फंसे 500 लोगों को मंगलवार को इंफाल लाया गया.