सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीष जस्ती चेलमेश्वर ने एक संगोष्ठी के दौरान कॉलेजियम के उपर एक ऐसा बयान दिया जिसको लेकर हंगामा खड़ा हो गया है. मंगलवार को जस्ती चेलमेश्वर ने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज को नियुक्त करने और तबालने करने वाला कॉलेजियम बेहद ही अस्पष्ट तरीके से काम करता है. उन्होंने कहा वो जज के खिलाफ आरोप लगाने का मौका सामने आने पर अक्सर कोई कार्रवाई नहीं करता है. आगे उन्होंने कहा कि कुछ जज तो बिल्कुल भी आलसी और नवकाबिल होते है.
केरल हाईकोर्ट में भारतीय अभिभाषक परिषद केरल की “इज कॉलेजियम एलियन टू द कॉन्स्टिट्यूशन” विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था जिसके उद्धाटन समारोह के दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने ऐसी बात कही. पूर्व जज ने कहा कि कई जज समय पर फैसला नहीं सुनाते तो वही कई जज आलसी और साफ तौर पर नकाबिल होते है. इन सब के बीच जज ने यह भी कहा कि अभी अगर मैं यह सब बोलता हूं तो लोग बोलेंगे की सेवानिवृत होने के बाद यह सब कह रहे है.
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लोकतंत्र के मुद्दे पर बोलते हुए पूर्व जज जस्ती चेलमेश्वर ने लोकतंत्र को अस्तित्व के लिए यह बेहद ही जरूरी है कि न्यायपालिका स्वतंत्र हो. अगर नयायपालिका स्वतंत्र नहीं हो तो सोचिए क्या हो सकता है? कल्पना कीजिए की एक पुलिसकर्मी क्या कर सकता है, ऐसा नहीं कि वे बूरे होते है पर उनके पास अधिकार है. वे खूद के लिए कानून बन सकते है.