Supreme Court:
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की लगातार हो रही हत्या की एसआईटी जांच के लिए दायर जनहित याचिका पर 2 सितम्बर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। गैर सरकारी सामाजिक संगठन वी द सिटीजन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस भूषण आर गवई और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कश्मीर घाटी में 1990 से 2003 के बीच कश्मीरी पंडितों और सिखों की हत्या और उन पर हुए अत्याचार की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने की मांग की है। याचिका में इसके साथ ही हाल के महीनों में कश्मीर घाटी में मारे गए कश्मीरी पंडितों की हत्या की जांच की भी मांग की गई है।
बता दें कि याचिका में कश्मीरी पंडितों के उत्पीड़न और विस्थापितों के पुनर्वास का आदेश देने को कहा गया है। याचिका में कश्मीरियों के विस्थापन से जुड़े लोगों के संस्मरण पर लिखी गई किताबों का हवाला देकर कश्मीर से पलायन कर देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे कश्मीरी पंडितों और सिखों की गणना कराने का आदेश देने की भी मांग की गई है। 1990 के बाद कश्मीर से पलायन कर चुके कश्मीरी पीड़ितों की पहचान कर उनका पुनर्वास करने को कहा गया है।
जानकारी हो कि कि सुप्रीम कोर्ट 2017 मे भी इस तरह की एक याचिका खारिज कर चुका है। मामले में कश्मीरी पंडितों का कहना है कि तीन साल पहले दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से आदेश जारी होने के बाद भी दिल्ली सरकार बाइफरकेशन को मंजूरी नहीं दे रही है। इसलिए उन्होंने दोबारा अदालत की शरण में जाने का फैसला किया है।
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