नई दिल्ली (Supreme Court Judges: Supreme Court collegium recommended all five names on December 13 last year) : पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को सीजेआई द्वारा शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में शपथ दिलाई जाएगी।
देश के उच्चतम न्यायालय को पांच नए न्यायधीश मिलने जा रहे हैं। सोमवार, 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इनकी नियुक्ति होगी। नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में 34 स्वीकृत जजों की संख्या में से कुल 32 जज हो जाएंगे। राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस पंकज मिथल, पटना हाई कोर्ट के जस्टिस संजय करोल और मणिपुर हाई कोर्ट के जस्टिस पी वी संजय कुमार और दो अन्य वरिष्ठ हाई कोर्ट के जज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश के रूप में शपथ लेंगे।
पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को भी भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) द्वारा शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। शपथ समारोह अदालत के नए भवन के सभागार में आयोजित होगा। केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर शनिवार को इसकी घोषणा कि गई थी। इन पांचों जजों में सबसे वरिष्ठ जज, जस्टिस पंकज मिथल हैं।
जस्टिस मिथल पिछले साल, 14 अक्टूबर से राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। न्यायमूर्ति मिथल को 7 जुलाई, 2006 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था, और उन्होंने 2 जुलाई, 2008 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए सामान्य उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में 4 जनवरी, 2021 को शपथ ली थी।
सोमवार को शपथ लेने वाले दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति करोल हैं, जिनका मूल उच्च न्यायालय कैडर हिमाचल प्रदेश हैं। पदोन्नति के समय वे पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। उन्हें 9 नवंबर, 2018 को त्रिपुरा उच्च न्यायालय और 11 नवंबर, 2019 को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के छह सदस्यीय कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश पद के लिए सभी पांच नामों की सिफारिश की थी।
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