Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में कुत्तों के काटने के बाद होने वाली मौतों पर चिंता जताई है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड को पिछले 7 साल में कुत्तों के काटने की घटनाओं और इसे रोकने के कदमों को पेश करने का निर्देश दिया है। बता दे कि अदालत ने जानना चाहा है कि किस राज्य में कुत्तों के काटने से कितनी मौत हुई है और कितने लोग घायल हुए हैं। अदालत ने बोर्ड से यह सवाल किया कि क्या वह यह चाहते हैं कि कोर्ट कोई गाइडलाइंस बनाए।
आपको बता दे अदालत ने कहा कि केरल में इस साल काफी घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि हम सब भी कुत्तों से प्रेम करते हैं। पर अगर कुत्तों के काटने से कोई परेशानी है तो इसका हल करना होगा। बता दे कि शीर्ष अदालत ने यह भी साफ कर दिया है कि उसका 2015 का आदेश अधिकारियों, पंजीकृत समितियों अथवा अन्य व्यक्तियों को हाई कोर्ट या क्षेत्राधिकार वाली अदालतों में जाने से प्रतिबंधित नहीं करता है।
पीठ ने बताया कि हमें नहीं लगता कि उक्त आदेश में अदालत किसी की मंशा को ठेस पहुचां रहा है। हता दे कि हाई कोर्ट, दीवानी अदालतों और अधिकारियों के समक्ष लंबित सभी रिट याचिकाएं या कार्यवाही रुक जाए। आवारा कुत्तों से संबंधित मामलों में उच्च न्यायालयों की ओर से कोई प्रभावी आदेश पारित नहीं किया जा सकता है।
आपको बता दे सुप्रीम कोर्ट ने आज से पहले भी कहा था कि लोगों की सुरक्षा और जानवरों के अधिकारों के बीच एक संतुलन बनाए। अदालत का सुझाव था कि यदि किसी पर जानवर द्वारा हमला किया जाता है तो जो लोग उस आवारा कुत्तों को खिलाते हैं, उन्हें टीकाकरण और इलाज का खर्च वहन करने के लिए जिम्मेदार बनाया जा सकता है। सुनवाई के दौरान एक वकील ने कहा कि यह पूरे देश की समस्या बन गई है।
ये भी पढ़े: चमक देखकर ना खरीदें कार, गाड़ी खरीदने से पहले करें ये काम