भारत का उच्चतम न्यायालय यानी की सुप्रीम कोर्ट ने आज तीन बड़े मामलों की सुनवाई बंद कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की अलग-अलग बेंच ने इन तीन बड़े मामलों की सुनवाई के दौरान इन मामलों को बंद करने का फैसला लिया है। इसमें पहला केस साल 2002 गुजरात दंगा मामला है, वहीं दूसरा केस साल 2009 में हुए वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले का है। तीसरा मामला बाबरी ढांचा गिराने पर शुरू हुई अवमानना कार्यवाही का मामला है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने आज बंद कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 में शुरू हुआ गुजरात दंगे से जुड़े सभी मामलों को बंद कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि 9 मामलों में से 8 मामलों में फैसला आ चुका है और नरोदा ग्राम मामले में ट्रायल आखिरी चरण में है। इस मामले में कानून के मुताबिक, अभी कार्यवाही चलेगी।
वहीं दूसरी ओर कोर्ट ने प्रशांत भूषण के खिलाफ 2009 अवमानना केस को भी बंद कर दिया है। आपको बता दें कि 2009 में तहलका पत्रिका को दिए गए इंटरव्यू के बाद से प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना के मामले की सुनवाई शुरू की गई थी। इस इंटरव्यू के दौरान प्रशांत कहा था कि भारत के 16 पूर्व CJI भ्रष्ट हैं। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, सूर्यकांत और एम एम सुंदरेश की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा प्रशांत भूषण और तरुण तेजपाल के माफी मांगने की जानकारी दिए जाने के बाद मामले में कार्यवाही बंद कर दी है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी ढांचा गिराने पर शुरू अवमानना कार्यवाही को भी बंद कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवमानना याचिका को पहले सूचीबद्ध किया जाना चाहिए था। कोर्ट ने आगे कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच अयोध्या भूमि विवाद को तय करने वाले सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर, 2019 के फैसले के साथ यह मुद्दा नहीं टिकता, इसलिए इस मामले में अवमानना कार्रवाई बंद की जाती है।
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