अग्निपथ योजना पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा था. कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर नवजावनों को लुभाना चाहते थे. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सेना में भर्ती की केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ दो अपीलों को सोमवार को खारिज कर दिया. साथ ही शीर्ष अदालत ने टिप्पणी में कहा कि यह योजना सरकार की मनमानी नहीं है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक हित अन्य विचारों से अधिक महत्वपूर्ण हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि अग्निपथ योजना शुरू होने से पहले रक्षा भर्ती प्रक्रिया में चयनित हो चुके उम्मीदवारों को नियुक्ति का अधिकार नहीं है. यानी कि जिन उम्मिदवारों की पहले से चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी उनकी नियुक्ति नहीं की जाएगी.
आप ने शुरू किया डिग्री दिखाओ अभियान, आतिशी ने मीडिया के सामने दिखाई अपनी डिग्री…
आपको बता दें, कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ गोपाल कृष्ण और अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘क्षमा करें, हम उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे. उच्च न्यायालय ने सभी पहलुओं पर विचार किया था.’ उच्च न्यायालय ने 27 फरवरी को कहा था कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के प्रशंसनीय उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय हित में तैयार की गई थी.