कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान के बाद कांग्रेस-बीजेपी में वार पलटवार की दौर तेज हो गयी. एक दुसरे तरफ से लगातार हमले बोले जा रहे है. जयराम रमेश और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच ट्वीटर पर वार शुरू हो गया है. जयराम रमेश ने सिंधिया को इतिहास पढ़ने की नसिहत देते हुए सिंधिया परिवार पर देश के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाया.
इतिहास की कोई किताब उठा लीजिये-
अपने एक ट्वाीट में जयराम रमेश ने कहा कि “इतिहास की कोई किताब उठा लीजिये। 1857 में रानी झांसी के साथ गद्दारी के मुद्दे पर सभी इतिहासकार एकमत हैं। आपके नये भगवान सावरकर ने भी अपनी किताब ‘1857 का स्वातंत्र समर’ में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे और अन्य लोगों के साथ सिंधिया की गद्दारी का जिक्र किया है। इतिहास आप पढ़िये”
इतिहास की कोई किताब उठा लीजिये। 1857 में रानी झांसी के साथ गद्दारी के मुद्दे पर सभी इतिहासकार एकमत हैं। आपके नये भगवान सावरकर ने भी अपनी किताब '1857 का स्वातंत्र समर' में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे और अन्य लोगों के साथ सिंधिया की गद्दारी का जिक्र किया है। इतिहास आप पढ़िये https://t.co/kbgI0XPp54
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 6, 2023
सिंधिया ने पलटवार कर ऐसा कहा-
जयराम रमेश के ट्वाट पर पलटवार करते हुए सिंधिया ने ट्वीट कर लिखा कि “कभी 1857 के वीर शहीद तात्या टोपे के वंशज पराग टोपे की ख़ुद की लिखी किताब ‘Operation Red Lotus’ पढ़िए; ज्ञात हो जाएगा कि किस प्रकार हम मराठे – सिंधिया, पेशवा और झाँसी के नेवालकर अंग्रेजों के विरुद्ध एक साथ थे। मराठा आज भी एक हैं। कृपया यह “विभाजनकारी” राजनीति बंद करें।”
कभी 1857 के वीर शहीद तात्या टोपे के वंशज पराग टोपे की ख़ुद की लिखी किताब ‘Operation Red Lotus’ पढ़िए; ज्ञात हो जाएगा कि किस प्रकार हम मराठे – सिंधिया, पेशवा और झाँसी के नेवालकर अंग्रेजों के विरुद्ध एक साथ थे।
मराठा आज भी एक हैं। कृपया यह “विभाजनकारी” राजनीति बंद करें। https://t.co/fzB84soMLv
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) April 6, 2023
इसके बाद हुआ था ट्वीटर वार-
सिंधिया ने राहुल गांधी के मोदी सरनेम को लेकर दिए गए बयान पर निशाना साधते हुए कहा था कि राहुल गांधी ने पूरे पिछड़े समूह का अपमान किया है. कभी राहुल सेना पर सवाल उठाते है, तो कभी पिछड़ी जातियों का अपमान करते है. अब कांग्रेस बदल गयी है, अब कांग्रेस की पुरानी विचारधारा नहीं रहीं. इस बयान के बाद सिंधिया कांग्रेस के निशाने पर आ गए थे.