Big decision of UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों के परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। यूजीसी के प्रमुख एम जगदीश कुमार ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को एक निर्देश जारी किया है। जिसमें केंद्रीय विश्वविद्यालयों को शिक्षण और सीखने में स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देने का आग्रह किया है। साथ ही यूजीसी ने कहा है कि विश्वविद्यालयों को छात्रों को क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा लिखने की अनुमति देनी चाहिए, भले ही विषय अंग्रेजी में क्यों ही न पढ़ाया जाता हो।
यूजीसी अध्यक्ष ने इस फैसले के संबंध में आगे कहा कि इससे स्थानीय भाषाओं में अनुवाद को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही शिक्षण और मूल्यांकन स्थानीय भाषाओं में होने के चलते छात्र इससे जुड़ाव महसूस करेंगे। इससे छात्रों की सफलता पर भी बड़ा असर देखने को मिल सकता है। वहीं, इससे 2035 तक उच्च शिक्षा में जीईआर को 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक करने के लक्ष्य को मजबूती मिलेगी।
इसके अलावा जारी नोटिस के जरिए यूजीसी अध्यक्ष ने विश्वविद्यालयों से स्थानीय भाषाओं में पढ़ाने के लिए संदर्भित पुस्तकों की लिस्ट, स्थानीय भाषाओं में समझने और पढ़ाने वाले संकायों की उपलब्धता, यदि छात्र स्थानीय भाषाओं में उत्तर लिख सकते हैं, साथ ही उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक कार्य योजना के बारे में भी जानकारी मांगी है।
इधर, कर्मचारी चयन आयोग(एसएससी) की तरफ से भी बड़ा फैसला लिया गया है। आयोग की तरफ से 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा कराने का फैसला लिया गया है। इसकी शुरुआत एमटीएस और सीएचएसएल 2022 की लिखित परीक्षा से होगी। आपको बता दें कि आईबीपीएस की तरफ से पहले से ही रीजनल भाषाओं में परीक्षा आयोजित की जा रही है।