INDIA NEWS: दिल्ली पुलिस के घिनौने व्यवहार को पहलवानों ने मुद्दा बना लिया है. पहलवानों का कहना है कि अगर सम्मान नहीं तो मेडल देने का कोई मतलब नहीं. आहत पहलवान विनेश फोगट और बजरंग पूनिया ने गुरुवार को सरकार को अपने पदक और पुरस्कार लौटाने की पेशकश करते हुए कहा कि अगर इस तरह का अपमान किया जा रहा है तो इन सम्मानों का कोई फायदा नहीं है.
‘पहलवानों और पुलिस के बीच झड़प’
बुधवार की रात करीब 11 बजे जंतर-मंतर पर विरोध करने वाले पहलवानों और पुल्स के बीच झड़प हो गई, बताया जा रहा है कि जब वे अपने सोने के लिए फोल्डिंग बेड ला रहे थे तब ऑन-ड्यूटी पुलिस कर्मियों ने कथित तौर पर इस बारे में पूछताछ शुरू कर दी थी. जिसके बाद धीरे धीरे माहौल बिगड़ने लगा और बाद में नौबत ऐसी आ गई की पुलिस और पहलवानों के बीच झड़प में दोनों पक्षो के लोग घायल हो गए.
‘हम पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं’
इसके बाद अब ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने संवाददाताओं से कहा, “अगर पहलवानों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाएगा, तो हम पदकों का क्या करेंगे? इससे अच्छा हम सामान्य जीवन जीएंगे और भारत सरकार को सभी पदक और पुरस्कार लौटाएंगे.” आगे उन्होंने कहा, “जब पुलिस हमें धक्का दे रही है, हमें गाली दे रही है, हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रही है तो वे यह नहीं देखते हैं कि हम पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं,
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‘हमें पैरों तले कुचला जा रहै है’
पहलवानों ने कहा, “इसे (पदक) ले लो. हमें बहुत अपमानित किया गया है. हम अपने सम्मान के लिए लड़ रहे हैं लेकिन हमें उनके पैरों तले कुचला जा रहा है. क्या सभी पुरुषों को महिलाओं को गाली देने का अधिकार है?” आपको बता दें पहलवान बीते 23 अप्रैल से राष्ट्रीय राजधानी में धरने पर बैठे हैं पहलवानों का आरोप है कि बृजभूषण शरण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है. पहलवान प्रदर्शन कर उनके गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.