Sunday, July 7, 2024
Homeनेशनलइमरान खान को क्यों किया गया गिरफ्तार? रियाज हुसैन से क्या है...

जिसकी वजह से 239 मिलियन डॉलर कर नुकसान खजाने को हुआ था. नैब की मानें तो इमरान ने मुआवजे के तहत यह डील की थी. दिसंबर 2019 में रियाज इस बात पर राजी हो गए थे कि वह अपनी संपत्तियों को यूके की क्राइम एजेंसी को सौंपने पर राजी हो गए थे. जो संपत्ति वह सौंपना चाहते थे.

India News(इंडिया न्यूज): पाकिस्तान के पूर्व प्रधामनंत्री इमरान खान (Imran Khan) को गिरफ्तार किया जा चुका है. इमरान खान (Imran Khan) के गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान (pakistan) में माहौल खराब हो गया है. इमरान खान को पाकिस्तान की राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NBA) ने गिरफ्तार किया है. उन्हें अल कादिर ट्रस्ट (Kadir trust) केस में गिरफ्तार किया. इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में समर्थकों ने पूरे देश में हंगामा और आगजनी शुरू कर दी है. कई जगहों पर समर्थकों ने पाकिस्तानी सेना को भी निशाना बनाया है. वहीं, पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि इमरान खान भ्रष्टाचारी हैं और उन्होंने अवैध तरीके से हजारों करोड़ की संपत्ति बनाई है.

इमरान के साथ इनकी चर्चा-

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के साथ ही पाकिस्‍तान के अरबपति मलिक रियाज हुसैन भी खबरों में आ गए हैं. इमरान खान को अल कादिर ट्रस्‍ट केस में गिरफ्तार किया गया है. अल कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्‍ट में धोखाधड़ी मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई. इस ट्रस्‍ट का मलिक रियाज से गहरा रिश्‍ता है और अब देश में लोग उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे हैं. रियाज पाकिस्‍तान के प्रॉपर्टी टायकून हैं और इस ट्रस्‍ट की शुरुआत देश में एक शिक्षण संस्‍थान के लिए हुई थी। नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्‍यूरो (NAB) का आरोप है कि रियाज के साथ इमरान ने उस समय एक डील की थी जब वह सत्‍ता में थे.

सांतवें सबसे अमीर व्‍यक्ति-

मलिक रियाज पाकिस्तान के सांतवें सबसे अमीर शख्‍स हैं साख ही वह एशिया की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी बहारिया टाउन के मालिक हैं. आठ फरवरी 1954 को रावलपिंडी के एक साधारण परिवार में जन्‍में रियाज ने कंस्ट्रक्शन कंपनी में क्लर्क के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद सन् 1980 के दशक में उन्‍होंने अपनी कंपनी शुरू की. रियाज शुरू में एक कॉन्‍ट्रक्‍टर बने और सन् 1995 में हुसैन ग्‍लोबल के साथ कंपनी लॉन्‍च कर दी. उनकी कंपनी ने बहारिया फाउंडेशन के साथ एक समझौता साइन किया था. यह फाउंडेशन पाकिस्‍तानी नौसेना का चैरिटेबल ट्रस्‍ट था. इसके साथ उनके जुड़ने का मकसद पाकिस्‍तानी नेवी के लिए एक गेटेड सोसायटी बनाना था.

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रियाज को भी भेजा गया था नोटिस-

नैब का आरोप है कि जिस समय इमरान खान पीएम थे तो उन्‍होंने मलिक के साथ डील की जिसकी वजह से 239 मिलियन डॉलर कर नुकसान सरकारी खजाने को हुआ था. नैब की मानें तो इमरान ने मुआवजे के तहत यह डील की थी. दिसंबर 2019 में रियाज इस बात पर राजी हो गए थे कि वह अपनी संपत्तियों को यूके की क्राइम एजेंसी को सौंपने पर राजी हो गए थे. जो संपत्ति वह सौंपना चाहते थे.

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उसकी कीमत 239 मिलियन डॉलर बताई गई थी. डर्टी मनी जांच में नाम आने के बाद रियाज ने यह वादा किया था. हालांकि इमरान और उनकी सरकार का इस केस से कोई सीधा संबंध नहीं था. नैब ने रियाज को इसी केस में एक दिसंबर 2022 को हाजिर होने का आदेश भी दिया था. नैब 458 एकड़ जमीन अल कादिर ट्रस्‍ट यूनिवर्सिटी को ट्रांसफर करने के मसले पर उनसे पूछताछ करना चाहती थी.

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