बिजली संशोधन बिल को लेकर देश में तरह-तरह की राय देखने को मिल रही है। ऐसा माना जा रहा है कि अगर यह बिल लागू किया जाता है तो बिजली वितरण के क्षेत्र में एकाधिकार खत्म हो जाएगा और बिजली वितरण का भी वहीं हाल होगा जो टेलिकॉम सेक्टर का हुआ है। बिजली उपभोक्ताओं को सर्विस प्रोवाइडर को चुनने का अधिकार मिल जाएगा जिससे बिजली वितरण के क्षेत्र में परेशानीयां आएंगी। हालांकि दूसकी ओर इस बिल को लेकर विरोध भी देखने को मिल रहा है।
बिजली संशोधन बिल को मॉनसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया जाना था। इस बिल में पूरे देश के बिजली आपूर्ति की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन के प्लान को तैयार किया गया है। इस बिल के पास हो जानें से देश में बिजली सप्लाई के लाइसेंस को मुक्त कर दिया जाएगा। जिसके बाद बिजली वितरण के क्षेत्र में एकाधिकार खत्म हो जाएगा और उपभोक्ता अपनी पसंद का सेवा प्रदाता चुन सकेंगे।
यदि हम बिजली के मौजूदा व्यवस्था की बात करें तो इस समय उपभोक्ताओं के पास सर्विस प्रोवाइडर चुनने का विकल्प नहीं है। लेकिन अगर यह बिल आ जाता हे तो लोग अपनी पसंद का सर्विस प्रोवाइडर चुन सकेंगे। इस बिल के आने से सर्विस प्रोवाइडर्स की मनमानी पर लगाम लगेगी और बिना नोटिस के कनेक्शन काटने पर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी पर जुर्माने का प्रावधान भी होगा।
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