India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने पूरे दिल्ली में अवैध निर्माण तोड़ने के आदेश के बाद भी कोई एक्शन न लेने पर बावजूद कोई प्रभावी कदम नहीं उठाने पर MCD को बड़ी फटकार लगाई है। आपको बता दें कि अदालत ने टिप्पणी करते हुए बताया कि ऐसी स्थिति की अनुमति नहीं दी जा सकती जहां बहुत बड़े अधिक पैमाने पर अनधिकृत निर्माण बिना किसी भय के किया जा रहा हो। साथ ही निगम कोई कार्रवाई न करने पर केवल एक असहाय दर्शक बनकर रह जाए।दरअसल न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने इस टिप्पणी को रजोकरी में अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए की।
देश की राजधानी में अवैध निर्माण के खिलाफ MCD ने पिछले साल 9 अक्टूबर को तोड़ने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता ने बताया कि आदेश देने के बाद भी MCD ने वहां पर हो रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिए कोई भी बड़ा कदम नहीं उठाया। वहीं कथित अवैध निर्माणकर्ताओं ने MCD के आदेश को उसके अपीलीय न्यायाधिकरण (MCD) के समक्ष अपील की। न्यायाधिकरण ने उसके बाद 18 जनवरी को MCD से जमीन के कब्जेदारों को अपना पक्ष रखने को कहा और फिर से 1 महीने में नया आदेश पारित करने को कहा। नगर निगम ने उस समय सीमा का पालन नहीं किया और एक नए सिरे से 26 मार्च को फिर से अनाधिकृत निर्माण तोड़ने का आदेश दिया। इसको लेकर न्यायाधिकरण के पास 1और अपील की गई। वह अभी भी लंबित है।
कोर्ट ने बताया कि जमीन के कब्जेदार के व्यवहार , अनधिकृत निर्माण को जारी रखने के लिए प्राधिकारियों को बड़ा एक्शन लेना चाहिए था , लेकिन उन्होंने कोई भी कार्रवाई नहीं की। MCD के हलफनामे से पता चला है कि संपत्ति के कब्जेदार ने MCD को जमीन का निरीक्षण करने का कोई आदेश नहीं दिया। । अदालत ने इस असफलता पर कड़ी आपत्ति करते हुए बताया कि MCD जैसा कोई प्राधिकरण अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने में अपनी ओर से असहायता का बड़ा दावा करता है, तो इससे इस बड़े आरोप को बल मिलता है बता दें कि MCDअधिकारी का अवैध निर्माताओं के साथ मिले हुए है।
ये भी पढ़े: इस एक खास चीज से 49 की उम्र में इतनी यंग दिखती है शिल्पा शेट्टी