India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Transport Corporation: दिल्ली सरकार ने राजधानी में सार्वजनिक परिवहन को बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में तेजी से वृद्धि की है। इस प्रयास के तहत, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बेड़े में और इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने की योजना बनाई गई है।
इसके साथ ही, अब तक 18 डिपो को विद्युतीकृत कर दिया गया है और वहां से इलेक्ट्रिक बसों का संचालन भी शुरू हो गया है। इसके अलावा, 42 अन्य डिपो में भी विद्युतीकरण का काम चल रहा है।
दिल्ली की सड़कों पर फिलहाल 1970 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, जो 18 ई-डिपो से विभिन्न रूटों पर संचालित हो रही हैं। इसके साथ ही, 5713 सीएनजी बसें भी निर्धारित डिपो से दिल्ली के अलग-अलग रूटों पर चल रही हैं। परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि इन सीएनजी बसों को अगले साल के अंत तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बसों से बदल दिया जाए।
केशोपुर, श्रीनिवासपुरी, रोहिणी-4, राजघाट-1, नांगलोई, शाहदरा, और नंदनगरी जैसे प्रमुख डिपो में विद्युतीकरण की प्रक्रिया जारी है। इनमें से कुछ डिपो इस महीने के अंत तक पूरी तरह तैयार हो जाएंगे, जबकि बाकी अगले दो से तीन महीनों में ई-बसों के संचालन के लिए तैयार हो जाएंगे।
दिल्ली परिवहन विभाग के अनुसार, इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को प्राथमिकता दी जा रही है। इस योजना के लिए सरकार ने एक बड़ा बजट निर्धारित किया है, और अब तक डिपो के विद्युतीकरण के लिए 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसमें उच्च क्षमता के ट्रांसफार्मर, चार्जिंग प्वाइंट और हाईटेंशन विद्युत लाइनें शामिल हैं।
आधुनिक तकनीक का उपयोग कर ऐसे चार्जिंग स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं, जो कम समय में बसों को चार्ज करने में सक्षम हैं। इस पहल से न केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सुगम बनाने का लक्ष्य पूरा होगा, बल्कि प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा।