India News (इंडिया न्यूज),Delhi News: तमाम सरकारी प्रयासों और दावों के बाद भी दिल्ली में यमुना की स्थिति नहीं सुधर रही है। बता दें, इस बीच गैर सरकारी संगठन यमुना संसद ने इस नदी को स्वच्छ बनाने के लिए यमुना किनारे जैव विविधता पार्क बनाने का सुझाव दिया है।
संस्था द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक, नदी के किनारों पर अतिक्रमण, पर्यावरण को ध्यान में रखे बिना निर्माण व अन्य कार्यों से नदी की हालत खराब हुई है, हालाँकि अभी भी इसे वैज्ञानिक तरीके से बचाने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। बता दें, संस्था के विशेषज्ञों का कहना है कि पल्ला से कालिंदी कुंज के बीच के तकरीबन नौ हजार हेक्टेयर के बाढ़ क्षेत्र में दो-दो सौ हेक्टेयर के 15 से 20 जैव विविधता पार्क विकसित किए जा सकते हैं। इसमें लगने वाले स्थानीय प्रजाति के पौधे, आर्द्र भूमि व जल संग्रहण क्षेत्र में बाढ़ के पानी को रोक सकते हैं।
बता दें, संस्था की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नदी के बहाव के साथ नमी युक्त तटीय क्षेत्र, सक्रिय बाढ़ क्षेत्र, पुराना बाढ़ क्षेत्र व बांध क्षेत्र में से किसी भी हिस्से से छेड़छाड़ से नदी को नुकसान पहुंचता है,वहीँ वजीराबाद से कालिंदी कुंज के बीच हर कदम पर इसका उल्लंघन किया गया है। जिस वजह से दिल्ली में यमुना दूषित हो गई है। इसके आगे संस्था ने यह भी सुझाव दिया है की नदी के तटवर्ती और बाढ़ क्षेत्र में बड़े पेड़ नहीं लगने चाहिए। इनकी जगह मूंज, कुश, झाऊ, नरकुल, पटेरा जैसे पौधें लागए जाने चाहिए।