India News(इंडिया न्यूज़), Ramayana: श्री राम के 3 भाइयों के बारे में तो सभी जानते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्री राम की एक बहन भी थीं। उनका नाम क्या था और रामायण में श्री राम की बहन का जिक्र क्यों नहीं है? इसके बारे में पूरी जानकारी के लिए यह लेख पढ़ें…
दक्षिण भारत की रामायण के अनुसार भगवान श्री राम की एक बहन भी थी जिसका नाम शांता था और वह चारों भाइयों में सबसे बड़ी थीं। शांता राजा दशरथ और कौशल्या की पुत्री थीं, लेकिन जन्म के कुछ वर्ष बाद कुछ कारणों से राजा दशरथ ने शांता को अंगदेश के राजा रोमपद को दे दिया। भगवान राम की बड़ी बहन का पालन-पोषण राजा रोमपद और उनकी पत्नी वर्षिणी ने किया था, जो रानी कौशल्या की बहन यानी श्री राम की चाची थीं।
कहा जाता है कि कौशल्या की बहन वर्षिणी की कोई संतान नहीं थी एक बार अयोध्या में उन्होंने मजाक में एक बच्चे की मांग की, यहां तक कि दशरथ भी सहमत हो गए और उन्हें मना नहीं कर सके। रघुकुल द्वारा दिये गये वचन को पूरा करने के लिए शांता अंगदेश की राजकुमारी बनीं। शांता वेद, कला और शिल्प में पारंगत थी और वह बहुत सुंदर भी थी।
लोककथाओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि जब शांता का जन्म हुआ, तो अयोध्या में अकाल पड़ा और 12 वर्षों तक पृथ्वी धूल से ढकी रही। इससे चिंतित होकर राजा दशरथ को सलाह दी गई कि अकाल का कारण उनकी पुत्री शांता है। अत: राजा दशरथ ने अकाल से उबरने के लिए अपनी पुत्री शांता को वर्षिणी को दान कर दिया। उसके बाद शांता कभी अयोध्या नहीं आईं। शायद यही वजह है कि रामायण में भी उनका जिक्र नहीं किया गया।
तीसरी कहानी में कुछ लोगों का मानना था कि राजा दशरथ ने शांता को सिर्फ इसलिए गोद लिया था क्योंकि वह लड़की होने के कारण उनकी उत्तराधिकारी नहीं बन सकती थीं।
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